सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया द्वारा जिले के सभी शासकीय सेवकों को आदेशित किया गया है कि 30 जून 2021 तक शत-प्रतिशत शासकीय नियमानुसार वैक्सीनेशन कराना सुनिश्चित करें। उन्होने जिला कोषालय अधिकारी को भी आदेशित किया है कि माह जून 2021 के वेतन बिल के साथ वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र भी प्राप्त करना सुनिश्चित करें तथा संकलित जानकारी से अधो-हस्ताक्षरकर्ता को अवगत करायें। सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों का दायित्व होगा कि प्रत्येक कर्मचारी के कोविड वैक्सीनेशन की जानकारी जिला कोषालय अधिकारी को उपलब्ध कराये। साथ ही सभी संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी शासकीय सेवकों के वैक्सीनेशन की जानकारी से अवगत कराने का दायित्व कार्यालय प्रमुख का होगा।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि जिन शासकीय सेवकों के द्वारा अभी तक टीकाकरण नहीं कराया गया है एवं यह भी संज्ञान में आया है कि कतिपय शासकीय सेवकों के द्वारा ग्रामीण स्तर पर वैक्सीनेशन हेतु प्रोत्साहन नहीं किया जा रहा है। कोविड-19 की समीक्षा में पाया गया कि मृत शासकीय सेवकों में वैक्सीनेशन का अभाव होना पाया गया है। अतः कोरोना से बचाव के लिये वैक्सीनेशन अत्यंत महत्वपूर्ण और कारगर उपाय है।
मत्स्याखेट पर 15 अगस्त तक प्रतिबंध ,खरीदने, बेचने एवं ढोने पर होगी 1 साल की जेल
वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) के दृष्टिकोण से संरक्षण देने हेतु राज्य के सभी प्रकार के निर्दिष्ट जल क्षेत्रों में म.प्र. नदीय मत्स्याखेट अधिनियम 1972 की धारा 3 (2) के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त की अवधि को बंद ऋतु (क्लोज सीजन) घोषित किया गया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अजय कटेसरिया ने आदेश जारी कर जिले में इस अवधि में सभी प्रकार का मत्स्याखेट मत्स्य विनिमय (क्रय-विक्रय) अथवा परिवहन करना प्रतिबंधित किया है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार नियमों के उल्लंघन पर म.प्र. राज्य मत्स्यक्षेत्र (संशोधित) अधिनियम 1981 की धारा-5 के तहत उल्लंघनकर्ता को एक वर्ष का कारावास या 5000 रूपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार धारा-3 के तहत उल्लंघनकर्ता द्वारा अवैधानिक मत्स्याखेट एवं परिवहन के उपयोग में लाये जाने वाले पशुओं गाडियो (कार्ट), जलयानों, बैलो (रैक्टस), नौकायानो व्हीकल्स के अधिग्रहण उनके हटाये जाने और उनके जप्ती के प्रावधान है। नियमों के उल्लंघन पर अधिनियम धारा-5 के अंतर्गत प्रत्येक अपराध साज्ञेय है। इस नियम के माध्यम से समस्त संबंधित व्यक्तियों एवं जनसाधारण को सूचित किया गया है कि इस अवधि में किसी प्रकार का मत्स्याखेट न तो स्वयं करें और न ही कार्य में अन्य को सहयोग दें। बाणसागर जलक्षेत्र (डूबक्षेत्र) एवं उसमें संबंधित सभी नदी-नालों से किसी प्रकार का मत्स्याखेट विक्रय एवं परिवहन करना भी नियमों के अंतर्गत अपराध होगा।