Guttam gambhir foundation found guilty of purchasing: digi desk/BHN/ गौतम गंभीर फाउंडेशन को कोविड-19 दवा की अनधिकृत जमाखोरी में दोषी पाया गया है। दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रक (Drug Controller) ने गुरुवार को हाईकोर्ट को बताया कि ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन’ को कोविड-19 मरीजों के उपचार में होने वाली दवा फैबीफ्लू की अनधिकृत तरीके से जमाखोरी करने, खरीदने और उसका वितरण करने का दोषी पाया गया है। औषधि नियंत्रक ने इस मामले में कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में फाउंडेशन और दवा डीलरों के खिलाफ बिना किसी देरी के कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट ने औषधि नियंत्रक से छह सप्ताह के भीतर इन मामलों की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इसकी अगली सुनवाई 29 जुलाई निर्धारित की गई है।
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 मई को औषधि नियंत्रक को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल दवाओं की कमी के बीच नेताओं द्वारा बड़े पैमाने पर खरीदी गई दवाओं के मामले की जांच करे। इसी के तहत गौतम गंभीर फाउंडेशन का मामला सामने आया।औषधि नियंत्रक ने HC को बताया कि विधायक प्रवीन कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के तहत ऐसी ही अपराधों में दोषी पाया गया है। कोर्ट ने औषधि नियंत्रक से छह सप्ताह के भीतर इन मामलों की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी तरह की जांच ‘आप’ विधायक प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार द्वारा ऑक्सीजन खरीदने और जमा करने के आरोपों के मामले में भी करने का निर्देश दिया था।
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा था कि औषधि नियंत्रक को यह पता लगाना चाहिए कि कैसे किसी व्यक्ति के लिए फेबीफ्लू दवा की दो हजार पत्तियां खरीदना संभव हुआ। जब पहले से ही उस दवा की कमी थी और कैसे दुकानदार ने इतनी दवा दी? अदालत ने कहा, ‘‘गौतम गंभीर ने इसे अच्छी मंशा के साथ किया। हमें उनकी मंशा पर कोई शक नहीं है। लेकिन हमारा सवाल है कि क्या यह जिम्मेदाराना व्यवहार है, जब आप जानते थे कि दवा की कमी है?” पीठ ने कहा, ‘‘ जिस तरह का काम उन्होंने किया, वास्तव में वह अपकार था, भले वह अनजाने में ही हुआ होगा। यह कोई तरीका नहीं है कि आप बाजार से इतनी दवाएं खरीद कर रख लें।”