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Satna: खरबूजे की खेती कर किसानों ने अपने ही पैर में मार ली कुल्हाड़ी, मुनाफा तो दूर लागत के भी लाले पड़े 

लाकडाउन और फिर बरसात से खराब हुई फसल, लागत भी नहीं निकाल पाए किसान

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ गर्मी में इस बार किसानों के लिए खुशी के साथ ही मायूसी की भी बरसात हुई। विगत दिनों हुई जमकर बरसात से खरबूजे की खेती करने वाले किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। लाकडाउन में पहले ही बिकवाली के लिए परेशान किसानों के तरबूज की मिठास बारिश की वजह से कम हो जाएगी तो फसल को कीड़े लगने की भी संभावना बड़ गई है। सतना जिले की रामपुर बाघेलान तहसील क्षेत्र के बकिया बैराज डैम के तकरीबन 3000 एकड़ खुली पड़ी जमीन में जहां किसानों ने खरबूजे की खेती की है वहीं तमस नदी के किनारे खरबूजे की खेती करने वाले किसानों की तैयार फसल वैसे भी बिक नहीं पा रही है। अब जो खेत में है उसमें नुकसान की संभावना है।

बकिया बराज का तरबूज व खरबूजा मशहूर

जिले में बकिया बराज का खरबूज और तरबूज दोनों मशहूर हैं। यहां पर कई जिलों से व्यापारी तरबूज व खरबूज खरीदने आते हैं। इस पर इस बार बड़ा असर पड़ा है। बाकिया बैलो निवासी राम सुरेश सिंह बताते हैं कि जितनी गर्मी पड़ती है उतना ही तरबूज मीठा निकलता है। पर बारिश होने से फल की मिठास तो कम होगी बेल भी खराब होने लगती है। बाकिया बैलो निवासी धीरेंद्र सिंह का कहना है कि बारिश के चलते इस वर्ष खरबूजे की खेती करने वाले किसानों को नुकसान हुआ है। एक तो लाकडाउन के चलते इस बार तरबूज कम ही बाहर गया है। ऊपर से बारिश से अब मिठास कम हो जाएगी। थथौरा निवासी खरबूजा की खेती करने वाले किसान अरविंद सिंह राम कैलाश कहते हैं कि फसल में डासी कीट भी लगने लगेगा। बाकिया बैलो निवासी राम कलेश बद्री विशाल सिंह कहते हैं कि इस बार खरबूजे की खेती करने वाले किसानों की लागत भी नहीं निकल पाई। जब फसल तैयार हुई तो सभी जगह पर लाकडाउन लग गया और इस के चलते व्यापारी नहीं आए और अब बरसात ने पानी फेर दिया है जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

 

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