भोपाल। भोपाल रेल मंडल में पांच साल या उससे अधिक समय से एक ही जगह नौकरी कर रहे रेल अधिकारी, कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने विभाग प्रमुखों से जानकारी मंगाई है। अक्टूबर माह से तबादलों का दौर शुरू होगा। भोपाल स्टेशन पर शनिवार हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद रेलवे ने यह निर्णय लिया है।
दरअसल, इंजीनियर राजेश तिवारी व आलोक मालवीय दुष्कर्म मामले में आरोपित हैं। इनमें से आलोक मालवीय बीते 10 साल से अधिक समय से भोपाल स्टेशन पर ही काम कर रहे थे। राजेश तिवारी करीब दो साल से डीआरएम कार्यालय में पदस्थ थे।
जानकारों का मानना है कि यदि आलोक का तबादला होता रहता तो संभवतः उसका रुतबा इतना नहीं बढ़ता। आलोक की तरह सैकड़ों रेल अधिकारी- कर्मचारी हैं, जो सालों से एक ही जगह काम कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर सजग और ईमानदार भी हैं लेकिन कुछ ऐसे हैं, जो एक ही जगह जमे रहने का फायदा भी उठा लेते हैं। इस पर रेलवे ने गंभीरता से ध्यान दिया है और तबादला करने की तैयारी कर ली है। मंडल रेल अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है हालांकि, छोटे कर्मचारियों को तबादले से बाहर रखा जाएगा।
दो हजार रेलकर्मियों ने छोड़ा वाट्सऐप ग्रुप
भोपाल रेल मंडल में 15 हजार से अधिक रेल अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं, जो जोन में 50 से अधिक वाट्सऐप ग्रुप में जुड़े हैं। ये ग्रुप रेलकर्मियों व रेल यूनियनों के हैं। दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद से करीब दो हजार रेलकर्मी ग्रुप से हट चुके हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कुछ ग्रुप के एडमिन तो बर्खास्त इंजीनियर ही थे। इसके अलावा कुछ अन्य ग्रुप में दोनों को लेकर कई तरह की बहस व पोस्ट चल रही है। इस वजह से रेलकर्मी इन गु्रप से हटते जा रहे हैं। दोनों आरोपितों को रेलकर्मी अपने फेसबुक फ्रेंड लिस्ट से भी हटा रहे हैं।