ग्रीष्म कालीन फसलों हेतु सलाह
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ ग्रीष्मकालीन अवस्था में तापमान के अनुसार फसल को आवश्यकता होने पर सिंचाई करें। गन्ने की फसल में निंदाई-गुडाई करें। जिससे खरपतवार नियंत्रण एवं नमी संरक्षण हो सके। जिससे नमी बनी रहे तथा बढते तापक्रम का फसल पर कम से कम प्रभाव पडे। कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि फसल पर रसचूसक कीट का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 ई.सी. 2 मि.ली. प्रति लीटर या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 0.2 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। फसल गहाई के उपरांत उत्पाद को उचित नमी तक धूप में सुखायें। तत्पश्चात भण्डार गृह को साफ करके उसमें भण्डारित करें। फसल कटाई उपरांत खेत में उचित नमी हो तो जुताई करें।
गेहू की कटाई के उपरांत नरवाई न जलाये। पूर्व में बोयी गई फसलों के अवशेषों को खेत से बाहर करें जिससे कि बीमारी एवं रोगों की रोकथाम हो सके। खरीफ में जिन फसलों को बुवाई करनी हो उनकी उन्नतशील किस्मों के प्रमाणित बीज की व्यवस्था जरूर कर लें।