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US: वैक्सीन लगवा चुके लोगों को मास्क की जरूरत नहीं, 2 गज की दूरी का नियम भी खत्म, काम पर लौटेंगे लोग

US no mask:digi desk/BHN/ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वो देश आगे हैं, जहां टीकाकरण हो चुका है। अमेरिका में भी इनमें शामिल है। इस बीच, अमेरिका में सीडीएस यानी डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने मास्क और दो गज की दूरी को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, जो लोग कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। साथ ही ऐसे लोगों को अब दो गज दूरी के नियम का पालन करना भी जरूरी नहीं है। ऐसे लोग अब अपने दफ्तरों में लौट सकते हैं और नियमित रूप से काम कर सकते हैं। सीडीएस की इस इनडोर मास्क गाइडलाइन का राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वागत किया है। बाइडेन ने इसे एक महान दिन बताया।

सीडीएस की गाइडलाइन में उन लोगों को कोविड नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लिए हैं। बता दें, अमेरिका में बड़ी आबादी को कोरोना के टीके लगाए जा चुके हैं। यहां 114 दिनों में यह उपलब्धि हासिल की जा चुकी है। अब बच्चों में टीकाकरण की तैयारी का जा रही है। माना जा रहा है कि बच्चों को टीका लगाने के बाद स्कूल भी खोले जा सकेंगे।

बी1617 वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं अमेरिका में स्वीकृत टीके

इस बीच अमेरिका से खबर यह भी है कि अमेरिका में कोरोना वायरस के खिलाफ जिन टीकों को मंजूरी दी गई है, वे बी1617 वैरिएंट के खिलाफ भी कारगर हैं। भारत में इन दिनों यही वैरिएंट कहर मचा रहा है। अमेरिका ने फाइजर, माडर्ना और जानसन एंड जानसन की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है। राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान के निदेशक डा. फ्रांसिस कालिंस ने कहा कि बी1617 वैरिएंट पर वैक्सीन के प्रभावी होने का निष्कर्ष इसको लेकर हालिया आंकड़ों पर आधारित है। कालिंस ने मीडिया से कहा, आंकड़े आ रहे हैं। यह देखना काफी उत्साहजनक है कि अमेरिका में स्वीकृत फाइजर, माडर्ना और जानसन एंड जानसन के टीके बी1617 वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। इस सप्ताह के शुरू में सार्स-सीओवी-2 के बी1617 वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक करार दिया था।

अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे भारत के लोग

अमेरिका की शीर्ष व्यापार अधिकारी कैथरीन ताई ने कोरोना वैक्सीन पर बौद्धिक संपदा अधिकार में छूट देने के बाइडन प्रशासन के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि भारत के लोग महामारी के कारण इस समय अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व व्यापार संगठन में कोरोना वैक्सीन पर बौद्धिक संपदा अधिकार में अस्थायी छूट का प्रस्ताव रखा है। सीनेट की वित्त समिति के सदस्यों को कैथरीन ने बताया, भारत और उन अनेक देशों के लिए यह अस्तित्व का संकट है, जहां सिर्फ दो प्रतिशत आबादी की वैक्सीन तक पहुंच है।

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