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Corona Funeral: कोरोना संकटकाल में जिंदा है इंसानियत, हिंदू-मुस्लिम युवा संयुक्त रूप से कर रहे अंतिम संस्कार

Funeral In Raipur:digi desk/BHN/ रायपुर/ कोरोना संकटकाल में भी इंसानियत जिंदा है। इसे साबित किया है हिंदू-मुस्लिम संयुक्त युवाओं की टीम ने। दरअसल, कोरोना संक्रमण का डर लोगों के मन में इस कदर बैठ गया है कि अपने ही दूर हो रहे है। कोरोना संक्रमण से मौत के बाद लाश ले जाने की दूर की बात अंतिम संस्कार तक करने से मुंह मोड़ ले रहे हैं। ऐसे में संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार रायपुर रेंज के गरियाबंद जिले के हिंदु-मुस्लिम समुदाय के युवाओं की संयुक्त टीम कर रही है।

इस टीम में करीब 15 युवा शामिल हैं। मानवता की मिसाल पेश करते हुए टीम ने अब तक 15 से अधिक कोरोना संक्रमित मृतकों का उनके रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कराया है। रायपुर रेंज के गरियाबंद जिला मु्ख्यालय से लगे आंमदी गांव में खोलबाहर के कोरोना संक्रमित बेटे लोकेश कुमार की पिछले दिनों इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। परिवार के अनेक सदस्य कोरोना पॉजिटिव होने के कारण अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे थे।

इसकी जानकारी मिलने पर हेमंत सॉन्ग, सन्नी मेंमन और ताहिर खान ने उनके पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया। इसी तरह अन्य समुदाय के लोगों की मौत होने पर 15 सदस्यीय युवाओ की टीम ने अंतिम संस्कार कराया। कोरोना के इस कठिन दौर में गरियाबंद के युवाओं ने आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की है। इन युवकों ने इस कोरोना काल की घड़ी में एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं।

खुद सजाते हैं चिता और रखते हैं शव

कोरोना संक्रमित मृतकों जिनका अंतिम संस्कार करने में परिवार वाले भी सक्षम नहीं हो पाते, वहां युवाओं का यह समूह सामने आकर जिम्मेदारी के साथ उनका अंतिम संस्कार कर रहा है। इन सबके बीच माहौल उस समय बेहद मानवीय हो जाता है जब सर पर टोपी पहने मुस्लिम भाई भी अंतिम संस्कार के लिए पीपीई किट पहनकर पूरी सुरक्षा के साथ चिता सजाते और शव को चिता पर रखते हैं।

हिंदू-मुस्लिम के नाम पर कहीं कोई फर्क नजर नहीं आ आता है, सिर्फ टोपियो से ही पता चल रहा है कि ये मुस्लिम भाई हैं। मुस्लिम युवक हिंदू भाईयों के ऐसे परिवार जो अंतिम संस्कार करने में कोरोना वायरस संक्रमित होने के चलते लाचार नजर हैं उसकी मदद के लिए सामने आ रहे हैं, तो वही हिंदू भाई भी मुस्लिम परिवारों में हुई ऐसी घटनाओं में सहभागी बन रहे हैं।

ये कर रहे मानवता के काम

टीम के प्रमुख ताहिर खान ने बताया कि कोरोना के इस विभिषिका में लगातार मौतें हो रही हैं। समय पर परिजन भी इस मुसीबत की घड़ी में खड़े नही हो पा रहे हैं। ऐसे में मुस्लिम जमात में घटना घटित होने पर अंतिम संस्कार करने के लिए युवाओं की टीम बनाई। इसमें हेमंत सांग, डॉ. हरीश चौहान, सन्नी मेमन, जुनैद खान, चंद्रभूषण चौहान, कादर हिंगोरा, मनीष यादव, सफीक रजा, हैदर अली सरवर खान, मोहम्मद लतीफ शहादत अली, यूसुफ मेमन, आसिफ खान, पनु राम, मनीष यादव, आसिफ खान, साजिद खान, अरबाज खान आदि शामिल हैं।

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