Coronavirus: digi desk/BHN/ इंदौर/ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में विजय नगर थाना पुलिस ने बीना निवासी प्रशांत पाराशर को गिरफ्तार कर लिया है। वह सुनील मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद भोपाल में रहने वाले भाई के घर छिपा हुआ था। आरोपित सागर में युवक कांग्रेस का पदाधिकारी है और पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की तैयारी भी कर रहा है। इसने सूरत में गिरफ्तार दलाल सुनील मिश्रा से 66 इंजेक्शन खरीदना कुबूला है। प्रशांत ने आठ वायल बेतवा नदी में बहा दिए थे।
आइजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक, गुजरात और इंदौर पुलिस की संयुक्त पूछताछ में सुनील मिश्रा ने बताया कि भीम वार्ड बीना निवासी प्रशांत पुत्र श्रीराम पाराशर भी उससे 100 इंजेक्शन लेकर गया था। पुलिस प्रशांत की तलाश में बीना पहुंची लेकिन वह मोबाइल बंद कर कोलार (भोपाल) में रहने वाले भाई के घर में छिप गया। बुधवार रात टीआइ तहजीब काजी, आरक्षक भरत बड़े और कुलदीप ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया।
पूछताछ में प्रशांत ने बताया कि बंगाल विधानसभा चुनाव से लौटने के बाद उसका इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सुनील मिश्रा से संपर्क हुआ और उसने 66 इंजेक्शन खरीद लिए। 58 इंजेक्शन ज्यादा दामों में कोरोना संक्रमितों को बेच दिए। 26 अप्रैल को अचानक मिश्रा का काल आया और कहा कि इंजेक्शन लगाने में कोई परेशानी तो नहीं आ रही है।
उसके शक जताने पर प्रशांत घबरा गया और आठ इंजेक्शन बेतवा नदी में बहा दिए। एसपी (पूर्वी) आशुतोष बागरी के मुताबिक, पुलिस प्रशांत से पूछताछ कर रही है। उसकी काल डिटेल निकालकर इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है कि उसने किस-किस को नकली इंजेक्शन की आपूर्ति की है।
डाक्टर ने एक परिवार को 40 इंजेक्शन बेचे, तीन की मौत
विजय नगर थाना टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक, आरोपित डाक्टर सरवर पुत्र मूसा खान निवासी सुभाष मार्ग सांवेर को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। उसने पूछताछ में बताया कि दवा व्यवसायी गोविंद गुप्ता से 50 नकली इंजेक्शन खरीदे थे। ये सभी इंजेक्शन पटेल परिवार को बेच दिए थे। बाद में उनके तीन सदस्यों की मौत हो गई। उन्होंने 10 इंजेक्शन लौटा दिए थे जिन्हें अशरद, हैदर और वसीम को बेच दिए। तीनों को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा लेकिन सरवर जोड़-तोड़कर छूट गया। उसकी सांवेर थाना पुलिस द्वारा भी गिरफ्तारी नहीं ली।