Corona infection may be prove fatal for hiv sufferers research claims:digi desk/BHN/ एचआइवी और एड्स के साथ जी रहे लोगों के लिए कोरोना का संक्रमण घातक साबित हो सकता है। पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुए एक शोध में पता चला है कि एचआइवी पीड़ितों में सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण का खतरा 24 प्रतिशत ज्यादा रहता है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों में मौत का खतरा भी सामान्य लोगों की तुलना में 78 प्रतिशत ज्यादा रहता है। एचआइवी पीड़ित लोगों में जो समस्याएं आम तौर पर पाई जाती हैं, उनमें हाइपरटेंशन, डायबिटीज, फेफड़ा और किडनी संबंधी बीमारियां शामिल हैं। पहले से ही एचआइवी और एड्स के साथ जी रहे लोगों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा भी ज्यादा रहता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, एचआइवी पीड़ितों में सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण और इससे मौत का जोखिम कम करने में एंटीवायरल दवाओं के असर के बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। यह शोध साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। पेन स्टेट्स डिपार्टमेंट आफ पब्लिक हेल्थ साइंसेज के वेर्नन चिनचिली ने कहा, जैसे-जैसे महामारी फैल रही है, हमें एचआइवी और सार्स-सीओवी-2 के संबंधों के बारे में अध्ययन करने के लिए पर्याप्त सूचनाएं मिल रही हैं। महामारी के शुरुआती दिनों में डाटा की कमी के चलते इस तरह का अध्ययन नहीं किया जा सकता था। शोधकर्ताओं ने 22 पुराने अध्ययन का भी आकलन किया।
इसमें कहा गया था कि उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप और एशिया के दो करोड़, 10 लाख एचआइवी पीड़ितों में कोरोना से संक्रमित होने और मौत का खतरा है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कैंसर, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से ग्रसित लोगों में कोरोना के चलते मौत का खतरा ज्यादा रहता है।