Karanataka highcourt panel says officials were responsible for 24 death in hospital:digi desk/BHN/ ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों के मामले में अब पहली बार लापरवाह अधिकारियों को सज़ा मिलनेवाली है। हाईकोर्ट के पैनल ने कर्नाटक के अस्पताल में 24 लोगों की मौत के लिए सीधे तौर पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। जस्टिस ए.एन वेणुगोपाल गौड़ा के नेतृत्व वाले जांच आयोग ने कहा कि इस अस्पताल में 3 मई और 4 मई की रात में 62 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी, जिनमें से 36 कोरोना संक्रमित रोगी थे। जांच आयोग के मुताबिक इस मामले में और भी मौतें हो सकती थीं।
दरअसल कर्नाटक के चामराजनगर में ऑक्सीजन की कमी के कारण 24 कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों की कथित तौर पर मौत हो गई थी। जिला प्रशासन का कहना था कि समय पर मैसूर से ऑक्सीजन नहीं पहुंचा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उस वक्त मैसूर में ऑक्सीजन की डिमांड देखते हुए दूसरे जिलों को ऑक्सीजन आपूर्ति देरी से या बिलकुल ही नहीं हो रही थी। हाई कोर्ट ने एक सप्ताह से ज्यादा समय के बाद इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए एक जांच आयोग का गठन किया। इस पैनल में वेणुगोपाल गौड़ा के नेतृत्व में एक अन्य रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति के.एन केशवनारायण (KN Keshavanarayana) और कर्नाटक के पूर्व पुलिस प्रमुख एस.आर. रमेश (SR Ramesh) भी शामिल हैं।
क्या कहती है जांच आयोग की रिपोर्ट?
12 मई को HC को सौंपी गई पैनल रिपोर्ट में कई स्तर पर लापरवाही की बात सामने आई है। :-
- जांच पैनल ने पाया कि यह चामराजनगर जिला प्रशासन की गलती थी, जिसके कारण बड़े पैमाने पर त्रासदी हुई। वैसे इसमें चामराजनगर, मैसूरु के उपायुक्त की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है।
- पैनल के मुताबिक इन मौतों को ऑक्सीजन की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
- अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन सप्लायर से समय पर सिलेंडर रिफिल करने के मामले में लापरवाही बरती।
- जिला आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ऑक्सीजन के ज्यादा मांग के कारण होने वाले परिणामों को अस्पताल के लोगों को बताने में विफल रहे।
- उन्होंने बिना किसी आधार के डीसी मैसूर पर ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया।
- दरअसल यहां ऑक्सीजन की सप्लाई मैसूर से होती है और जिला प्रशासन का कहना है कि समय पर मैसूर से ऑक्सीजन नहीं पहुंचा था।
जांच आयोग की रिपोर्ट पर संभव है कि हाईकोर्ट दोषी अधिकारियों को मरीजों की मौत के लिए दोषी माने और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरु करे। इसके अलावा राज्य प्रशासन भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इससे देश भर के लापरवाह अधिकारियों को कड़ा संदेश जाएगा।