Fake oximeter app:digi desk/BHN/ कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के साथ ऑक्सीमीटर डिवाइस की डिमांड तेजी से बढ़ी है। लेकिन दिक्कत ये है कि बाजार में इसकी कमी चल रही है और अगर मिल भी जाए, तो इसकी काफी ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है। ऐसे में कुछ लोग अपने स्मार्टफोन पर ही Oximeter App डाउनलोड कर अपना ऑक्सीजन लेवल जांच रहे हैं। लोगों की इसी जरुरत का फायदा हैकर्स उठा रहे हैं और लोगों को बड़ी चपत लगा रहे हैं। इन ऐप से एक तो मरीजों को सही रीडिंग नहीं मिलती दूसरी ओर ठगी का विकल्प भी खुल जाता है।
गुजरात पुलिस ने हाल ही में इन ऑक्सीमीटर ऐप्स को लेकर चेतावनी जारी की है। पुलिस का कहना है कि इन दिनों स्मार्टफोन्स के लिए कई फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसका इस्तेमाल करने पर यूजर्स ठगी का शिकार हो सकते हैं। इनके अलावा हरियाणा साइबर क्राइम और DGP कर्नाटक ने भी लोगों को फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप से बचकर रहने की सलाह दी है।
आपको बता दें कि इंटरनेट और प्ले स्टोर पर Fake Oximeter App के कई लिंक मौजूद हैं। इन ऐप्स में दावा किया जाता है कि वो फोन की लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैन के जरिए ऑक्सीजन के स्तर को जांच सकते हैं। लेकिन इसके लिए वो यूजर्स के फोन में मौजूद बैंक डिटेल्स, कॉन्टैक्स, फोटो और दूसरी फाइल्स का एक्सेस भी मांगते हैं। आपको बता दें कि हैकर्स को अगर एक बार आपके फिंगरप्रिंट्स का डेटा मिल गया, तो वो इसके जरिए आपके फोन में सेंध लगा सकते हैं और बैंक अकाउंट भी खाली कर सकते हैं।
दूसरा सबसे बड़ा खतरा मरीज के लिए है। इन ऐप्स से मिलने वाले रीडिंग अक्सर गलत होती है। साथ ही इसी बहाने वो आपके फोन में मौजूद डाटा भी चुरा लेते हैं। अगर आपने ऐसा कोई ऐप डाउनलोड किया है तो उसे फौरन डिलीट कर दें। अगर ऑक्सीमीटर नहीं मिल रहा हो, तो Amazon या Flipcart जैसे किसी ई-कॉमर्स साइट से ऑर्डर कर मंगवा लें। लेकिन मुफ्त के ऐप के चक्कर में अपनी जान या अकाउंंट खतरे में ना डालें।