Saturday , May 4 2024
Breaking News

Indian railway: रेलवे अपने अस्पतालों में बना रहा आक्सीजन प्लांट, ताकि दे सके सांसें

Indian railway news: digi desk/BHN/जबलपुर/ आक्सीजन के लिए परेशान मरीजों के लिए अब रेलवे आक्सीजन प्लांट लगाएगा। इसके लिए देशभर के 17 रेलवे जोन में बने केंद्रीय अस्पतालों को चिन्हित किया गया है। रेलवे बोर्ड ने यहां पर आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए सभी महाप्रबंधकों को निर्देश देते हुए तत्काल प्लांट खोलने कहा है। इतना ही नहीं उन्हें प्लांट खोलने से जुड़े अधिकार भी सौंप दिए हैं, जो अभी तक रेलवे बोर्ड के पास थे।

दरअसल देशभर में रेलवे के लगभग 17 केंद्रीय अस्पताल हैं, जिनमें न सिर्फ रेलवे कर्मचारी और उनके परिजनों का कोरोना संक्रमण का इलाज चल रहा है बल्कि आम लोगों का भी इलाज यहां किया जा रहा है।

जबलपुर केंद्रीय अस्पताल में खुलेगा प्लांट

पश्चिम मध्य रेलवे जोन का जबलपुर में केंद्रीय अस्पताल है, ​जहां रेलवे खुद का आक्सीजन प्लांट लगाने जा रही है, जिसके लिए जोन और जबलपुर रेल मंडल के अधिकारियों ने अस्पताल के जगह तय कर प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस अस्पताल में जबलपुर, भोपाल और कोटा, तीनों रेल मंडल के कर्मचारी इलाज करा रहे हैं। अस्पताल को एक दिन में 140 सिलेंडर आक्सीजन लगती है, जिसके लिए अभी वह दूसरे आक्सीजन प्लांट पर निर्भर है, लेकिन जबलपुर रेल मंडल का कहना है कि वह मई अंत तक प्लांट तैयार कर अस्पताल को सप्लाई देना शुरू कर देगा।

पहले खुद, फिर देगा दूसरों को

देशभर के 17 रेलवे जोन में कम से कम दो आक्सीजन प्लांट खोले जा रहे हैं। इन्हें जल्द से जल्द इन प्लांट को शुरू करने के लिए रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को इस मद में खर्च की सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ कर दी है। जबलपुर केंद्रीय अस्पताल में ही लगभग 80 से 90 लाख रूपये आक्सीजन प्लांट बनाने पर खर्च होगा। इस प्लांट की मदद से एक मिनट में 440 किलो आक्सीजन बनाई जाएगी। जबकि जबलपुर केंद्रीय अस्पताल में वर्तमान में 24 घंट में लगभग 140 ​आक्सीजन सिलेंडर की यहां खपत हो रहे है।

52 हजार कर्मचारियों के लिए

पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, कोटा और भोपाल मंडल में लगभग 52 हजार कर्मचारी—अधिकारी हैं। तीनों मंडल में एक—एक मुख्य अस्पताल है, लेकिन तीनों का एक ही केंद्रीय अस्पताल जबलपुर में है। मौजूदा हालात में जबलपुर मंडल में ही लगभग एक हजार से ज्यादा कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और इससे ज्यादा उनके परिजन संक्रमित हैं, जिनता रेल अस्पताल में इलाज चल रहा है, लेकिन आक्सीजन की कमी होने से पहले ही रेलवे ने खुद का प्लांट खोलने का कदम उठा लिया है।

यह कदम उठाया
  • प्लांट खोलने के लिए सभी अधिकारी बोर्ड ने महाप्रबंधक को दिए
  •  अब मशीनों को खरीदा जाना है, लेकिन लॉकडाउन से दिक्कत आ रही
  •  मई तक प्लांट खोलने के लिए जेम्स में मशीने नहीं मिल रहे, इसलिए बाजार से ही खरीदा जा रहा है
  •  प्लांट बनाने के बाद रेलवे इन्हें चलाने के लिए निजी हाथों में देगा
  • जबलपुर के बनाने और निजी हाथों में देने में लगभग सवा करोड़ का खर्च आएगा

इनका कहना है

केंद्रीय अस्पताल जबलपुर में हम अपना खुद का आक्सीजन प्लांट खोलने जा रहा है। इस प्लांट से हम एक मिनट में लगभग 440 किलो आक्सीजन पैदा करेंगे। इसके बाद हमें दूसरों पर निर्भर नहीं होना होगा।

संजय विश्वास, डीआरएम जबलपुर रेल मंडल

About rishi pandit

Check Also

संक्रमण की चेन को तोड़ने संवाद को बनाया प्रमुख अस्त्र, काउंसलर की भूमिका निभाई मुख्यमंत्री ने

“अभिनव पहल”   सतना/भोपाल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ महामारी के दौर में प्रदेश में ही नहीं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *