Income Tax:digi desk/BHN/रायपुर/ नए वित्तीय वर्ष में आयकर नियमों बहुत से बदलाव हुए हैं। इन बदलावों के बारे में आपका जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। अप्रैल महीने से लागू नई व्यवस्था के तहत पीएफ में 2.5 लाख रुपये अधिक जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आ गया है। अब तक पीएफ मद में जमा राशि के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता था।
हालांकि, सरकार ने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) पर पांच लाख रुपये तक के सालाना योगदान पर मिलने वाले ब्याज को एक खास वर्ग के लिए टैक्स फ्री कर दिया है। कर विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार, अगर कंपनी ईपीएफ अकाउंट में कोई योगदान नहीं करती है, तो पांच लाख रुपये तक की जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री है।
कर विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर नियमों में इस बदलाव से मोटी सेलरी वाले करदाता ही ज्यादा प्रभावित होंगे। यह नया नियम वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू हो गया है।
1. बिलेटेड, रिवाइज्ड आइटीआर फाइल करने की समय सीमा घटी
देरी से यानि बिलेटेड और रिवाइज्ड इनकम टैकैक्स रिटर्न फाइल करने की समयसीमा घटा दी गई है। अब इसे 31 मार्च के स्थान पर 31 दिसंबर कर दिया गया है। सामान्य रूप में किसी वित्त वर्ष में आयकर रिटर्न अगले वित्त वर्ष (आकलन वर्ष) के 31 जुलाई तक फाइल करना होता है। डेडलाइन खत्म होने पर 31 मार्च तक फाइल करना होता था,लेकिन अब यह 31 दिसंबर तक करना होगा।
2.यूलिप पर अब टैक्स
नए नियमों के अनुसार 2.5 लाख से ज्यादा वाले यूलिप लिंक्ड इंश्योरेंस पालिसी में टैक्स छूट नहीं रहेगी। यानि यूलिप के लिए सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो मैच्योरिटी की रकम टैक्स के दायरे में आएगी।
3.समय सीमा घटी
कुछ खास मामलों को छोड़कर आईटीआर फाइल होने के तीन साल बाद इन्हें दोबारा नहीं खोला जा खोला जा सकेगा। यानि रिटर्न फाइल करने के तीन साल बाद टैक्स के मामले नहीं खोले जा सकेंगे। पहले आयकर विभाग छह साल तक नोटिस भेजता आया है।
4. सीनियर सिटीजन को आइटीआर फाइल करने से राहत
बुजुर्गों के लिए हर साल रिटर्न फाइल करने की चुनौतियां रहती थीं। इसे देखते हुए उन्हें राहत दी गई है। ऐसे बुजुर्ग 75 साल या उससे अधिक जिनकी आय सिर्फ पेंशन व बैंक ब्याज से है, उन्हें आइटीआर फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।
बजट में हो चुकी घोषणा
इन बदलावों के बारे में बजट में घोषणा की जा चुकी है। पीएफ में एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा होती है तो उस पर मिलने वाले ब्याज में टैक्स लगेगा। हालांकि, एक वर्ग विशेष को इससे राहत भी दी गई है।