Corona increased sleepness in mother:digi desk/BHN/ कोरोना वायरस को आए एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। इस महामारी से कब छूटकारा मिलेगा, इसका कोई अंदाजा नहीं है। वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर के आने की चेतावनी भी दे दी है। परेशानी इस बात की है कि कोविड-19 के लगातार नए-नए स्टैन सामने आ रहे हैं। इस जानलेवा वायरस ने महिलाओं की जिंदगी में बड़ा नकारात्मक प्रभाव डाला है। प्रीस्कूलिंग बच्चों की माताओं में तनाव का स्तर बढ़ रहा है। साथ ही नींद नहीं आने की समस्या भी हो रही है।
दरअसल वुमन्स हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। जिसमें माताओं को बच्चों की देखभाल का विश्वस्त विकल्प और हेल्थ के बीच संतुलन कायम रखने पर जोर दिया गया है। अमेरिका स्थित पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्स सेंटर शोधकर्ता चेलसी क्रैच ने कहा कि छोटे बच्चों की मां वैसे ही बेहद कम सोती हैं। साथ ही जिन महिलाओं के बच्चे नहीं हैं, उनकी तुलना में उनकी शारीरिक गतिविधियां भी कम होती हैं। इन कमियों की वजह से उनमें मोटापे और स्वास्थ्य गिरने का खतरा होता है। लॉकडाउन ने तनाव का स्तर और घरेलू अव्यवस्था बढ़ाकर स्थिति को खराब कर दिया है।