Coronavirus:digi desk/BHN/श्योपुर/ रविवार को जिला अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो जाने की वजह से तीन गंभीर मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अन्य मरीजों की हालत भी बिगड़ गई। करीब ढाई घंटे बाद जिला अस्पताल में ऑक्सीजन का इंतजाम हो सका। जिला अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने का यह दूसरा मामला है। चार दिन पहले भी इसी तरह के हालात निर्मित हुए थे, अस्पताल प्रबंधन आक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत होने से इनकार कर रहा है।
रविवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे जिला अस्पताल में अचानक से ऑक्सीजन की कमी आ गई। इस वजह से वहां भर्ती मरीजों की सांसें अटक गई और एक के बाद एक तीन मरीजों ने दम तोड़ दिया। इस दौरान कई अन्य मरीज भी बेहाल हो उठे, उनकी सांसें भी उखड़ने लगीं। अस्पताल के डॉक्टरों व अन्य स्टॉफ ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन दी। करीब ढाई घंटे तक अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
इसके बाद ऑक्सीजन की गाड़ी भरे हुए ऑक्सीजन के सिलिंडर लेकर अस्पताल में पहुंच गई, तब जाकर मरीजों की जान में जान आई। जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें श्योपुर निवासी सतेंद्र राठौड़, कांतीदेवी गर्ग और जावेद खान का नाम शामिल है। रन्नाौद गांव की महिला और एक ग्रामीण की मौत भी ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से होने की बात कही जा रही है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।
जिला अस्पताल के आइसीयू वार्ड में 50-70 ऑक्सीजन सिलिंडर की हो रही खपत
जिले को रोजाना 50 बड़े सिलिंडर ऑक्सीजन दी जाती है, लेकिन एडीएम रूपेश उपाध्याय अपने स्तर पर प्रयास करके 60-70 सिलिंडर ऑक्सीजन रोजाना मंगवा लेते हैं। लेकिन, यह ऑक्सीजन जिले के लिए बेहद कम है, क्योंकि जिला अस्पताल के आइसीयू वार्ड में ही रोजाना 50-70 सिलिंडर ऑक्सीजन खपत हो रही है। ऐसे हालात में ऑक्सीजन लेवल कम होने पर जिला अस्पताल में भर्ती हो रहे सामान्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों की जान अटकी रहती है।