Hanuman Jayanti 2021:digi desk/BHN/ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन को हनुमान जयंती के नाम से भी जानते हैं। शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, दोनों दिन मनाया जाता है। इस साल चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा 27 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार को है। इस दिन हनुमान जी के साथ भगवान राम की भी पूजा की जाती है। शास्त्रों में भगवान राम ही हनुमान जी के आराध्य बताए गए हैं। ऐसे में बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए भगवान राम की भी पूजा की जाती है।
हस्तरेखा विशेषज्ञ पं. विनोद के अनुसार, हनुमान जी का जागृत देवस्थान कर्नाटक में बीदर के पास पड़ता है। हनुमान जी का यह मंदिर चलकापुर गांव का।हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे तो इसी मंदिर के पास स्थित पर्वत पर रुके थे। इस पहाड़ पर हनुमान जी के चरण आज भी मौजूद हैं। लोग इस पहाड़ की पूजा करते हैं। जहां हनुमान जी के चरण हैं. वहां मिट्टी अगर कोई खाता भी है तो उसकी बीमारी दूर जाती है। कई लोग उस मिट्टी को साथ में लेकर जाते हैं। दूर-दूर से यहां पर लोग आते हैं। हनुमान जयंती के दिन बड़ा मेला लगता है।
कहा जाता है कि यहां सुबह मूर्ति बालक रूप में नजर आती है और दोपहर में तारों की अवस्था में और रात्रि के समय में बिल्कुल बुढ़ापे की जैसी तस्वीर नजर आती है। यानी दिन भर में इस मूर्ति के तीन रूप देखने को मिलते हैं। इस मंदिर के पास 100-200 बंदर आपको नजर आएंगे और वह बंदर बहुत उम्र के हैं। कई सालों से यहां हैं और सारे बंदर जब आरती का समय होता है तो मंदिर के अंदर उपस्थित होते हैं।
इस तरह यह हनुमान जी का जागृत देवस्थान प्रतीक है। यहां पर भगवान हनुमान जी को मीठा चढ़ता है। मीठी पूरनपोली का प्रसाद भगवान को चढ़ता है। मंदिर में औरतों को प्रवेश बिल्कुल वर्जित है। दूर से औरत दर्शन कर सकती है।
यहां होती है विशेष पूजा, दूर किए जाते हैं ग्रह दोष
हस्तरेखा विशेषज्ञ पं. विनोद के अनुसार, यहां ग्रह दोष दूर करने के लिए पूजा की जाती है। मेष राशि या वृश्चिक राशि वालें की मंगल ग्रह से संबंधित या जो लोग मांगलिक है, उनके लिए यहां अलंकार पूजा होती है।