Hanuman Jayanti Special: digi desk/BHN/ ग्वालियर में स्थित 300 साल पुराने सिद्ध मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में पिछले 24 साल से अखंड रामायण का पाठ जारी है। पड़ाव पुल के नीचे स्थित इस मंदिर में अखंड पाठ 8 अप्रैल 1997 से प्रारंभ हुआ था, जो निरंतर चल रहा है। मान्यता है कि अपने नाम के अनुसार इस मंदिर में भक्तों की मंशा पूर्ण होती है। श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा कर पास में स्थित आंवले के पेड़ पर लाल कपड़े में नारियल बांधकर अपनी मन्नत मांगते है। मंशा पूर्ण होने पर पुजारी द्वारा उस नारियल को खोल दिया जाता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा का का कहना है कि इस मंदिर की प्रसिद्धि का कारण यह भी है कि इस मंदिर के पास स्थित रेलवे लाइन से जो भी ट्रेन निकलती है, उस ट्रैन का ड्राइवर वहां से हॉर्न बजाकर जरूर गुजरता है। इस दौरान ट्रेन का चालक सवारियों की सुरक्षा की कामना करता है। यह मंदिर पहले खुले आसमान में हुआ करता था। करीब 300 वर्ष पूर्व पंडित रमेश दुबे व पंडित गोपाल दुबे के पूर्वज यहां आये और उन्होंने इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया। इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार व मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। हनुमान जयंती पर तो मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।
हालांकि इस साल कोरोना कर्फ्यू के कारण मंदिरों में केवल पुजारियों द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिर में भैरव जी के 51 स्वरूप हैं, जिनकी 51 अखण्ड ज्योति यहां जल रही हैं। गौरतलब है कि हनुमान जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 27 अप्रैल मंगलवार को स्वाति नक्षत्र और सिद्धि योग में मनाई जाएगी। हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को रामायण, रामचरित मानस का अखंड पाठ, सुंदरकाण्ड का पाठ, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करना चाहिए।