मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने वाले महा विकास आघाडी (एमवीए) के उम्मीदवारों ने अपने-अपने क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपैट) के मिलान की मांग करने का फैसला किया है। विपक्ष के एक नेता ने मुंबई में यह जानकारी दी है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे सामने के बाद शिवसेना (यूबीटी) लगातार ईवीएम पर सवाल उठा रही है। चुनाव हारने वाले कई उम्मीदवारों ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत के दौरान ईवीएम पर सवाल उठाए।
उद्धव ठाकरे ने मुंबई स्थित अपने आवास पर आयोजित बैठक में अपनी पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की समीक्षा की। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह आए चुनावी नतीजों में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखा। इस चुनाव में महा विकास अघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
288 विधायकों वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं महाविकास अघाड़ी को सिर्फ 46 सीटों से संतोष करना पड़ा। इनमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) 20 सीट जीतकर विपक्षी खेमे में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। उसके बाद कांग्रेस ने 16 सीटें और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) 10 सीट के साथ सबसे पीछे रही।
मुंबई की चांदीवली विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले कांग्रेस के नेता आरिफ नसीम खान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे से चर्चा की है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से शिकायत मिली है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। खान ने कहा, ‘‘हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से परिणामों पर संदेह व्यक्त करते हुए शिकायतें मिल रही हैं। लोकतंत्र में शिकायतों का सत्यापन होना जरूरी है और मेरे साथ ही हममें से कई लोग (जो हार गए हैं) सत्यापन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं।’’
मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) के एक विधायक ने दावा किया है कि डाले गए वोट और ईवीएम में गिने गए वोट की संख्या में विसंगतियां थीं। विधायक ने कहा, ‘‘लगभग सभी उम्मीदवारों ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया है।’’