Saturday , July 6 2024
Breaking News

Doctor’s Advice about Remdesivir: किसी मरीज को कब-कब दिया जा सकता है रेमडेसिविर

Doctor’s Advice about Remdesivir: digi desk/BHN/भोपाल/ रेमडेसिविर दवा को लेकर पूरे देश में बहुत लोग परेशान हो रहे हैं। यह देखने में आया है कि जिन्हें जरूरत नहीं है, वह भी महंगे दामों पर इसे खरीद रहे हैं। रेमडेसिविर एक एंटी वायरल दवा है, जो तब काम आती है जब शरीर में वायरस वृद्धि कर रहा होता है और शरीर के विभिन्न अंगों को क्षति पहुंचा रहा होता है। यदि मरीज के अंग को क्षति पहुंच रही है तो उसके कुछ लक्षण होते हैं। ऐसे वक्त मरीज को लगातार बुखार आ रहा होता है या मरीज का ऑक्सीजन लेवल नीचे जा रहा होता है या फिर मरीज को बेचैनी होने लगती है। यदि मरीज ने सीटी स्कैन कराया है तो रिपोर्ट में एक शैडो दिखने लगती है और निमोनिया बढ़ने लगता है। इसके साथ ही फेफड़ों में 30 प्रतिशत सूजन दिखने लगती है। जब सीटी स्कैन में स्कोर 30 से ज्यादा होता है तो अन्य कई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रेमडेसिविर दवा दी जाती है। यदि वायरस शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा चुका है। मरीज वेंटीलेटर पर आ चुका है। अन्य सपोर्टिंग सिस्टम पर आ चुका है या मरीज की किडनी-लीवर में खराबी आ गई है तो ऐसे मरीजों की जान बचाने में रेमडेसिविर मदद नहीं करती है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद का अध्ययन है। यह कहना है गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में छाती एवं श्‍वास रोग विभागाध्‍यक्ष डॉ लोकेंद्र दवे का, जिन्‍होंने रेमडेसिविर इंजेक्‍शन के सही इस्‍तेमाल को लेकर चर्चा की।

डॉ दवे के मुताबिक रेमडेसिविर के उपयोग को गलत तरीके से समझा जा रहा है। हमें यह समझने की जरूरत है कि दवा कहां उपयोगी है? दवा तभी उपयोगी है, जब हम सही तरीके से सही मरीज को यह दवा देंगे। यदि हम बहुत कम संक्रमण वाले व्यक्ति को रेमडेसिविर दवा देंगे तो यह दवा भी बेकार जाएगी और इसके मरीज को नुकसान होगा। होम आइसोलेशन वाले मरीज तो बिना डॉक्टरी सलाह के यह इंजेक्शन बिल्कुल न लें। यदि मरीज के अंग खराब हो चुके हैं तो भी उसे इस इंजेक्शन का फायदा नहीं होगा। इस दवा के लिए इतनी मारामारी ठीक नहीं है। हमें यह ध्यान देना होगा कि हमारा डॉक्टर जानता है कि यह दवा कब देना चाहिए? जरूरत के वक्त दवा देंगे, तभी लाभकारी होगी। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि मरीजों को ठीक करने की इस दवा की क्षमता सिर्फ 67 प्रतिशत है। जिन लोगों को दवा की जरूरत है, उनके लिए भी यह 100 प्रतिशत प्रभावशील नहीं है। कोई भी इसे रामबाण के रूप में न माने। यह निश्चित नहीं है कि हम रेमडेसिविर दवा लेंगे तो हमारी बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। बीमारी तभी खत्म होगी, जब समय से बीमारी के बारे में पता चलेगा। पता चलने के बाद मरीज को आराम मिलेगा। मरीज को समय से ऑक्सीजन मिलेगी तो उसके फेफड़ों को आराम मिलेगा, इसलिए रेमडेसिविर के लिए भागमभाग न करें। डॉक्टर बताए, तभी यह दवा लें। इससे आप बीमारी के खिलाफ लड़ाई में देश और प्रदेश की मदद कर पाएंगे।

About rishi pandit

Check Also

खंडवा में 16 साल पहले अबू फैजल ने किया था आतंक का बीजारोपण, मशहूर होने के लिए चुनी आतंक की राह

खंडवा सिमी का गढ़ रहे खंडवा का आतंक से पुराना नाता है। 16 साल पहले …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *