अपहरण व हत्या की वारदात से फिरौती वसूलना चाहते थे
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ बीते दिनों 25 वर्षीय युवक का शव खेत में मिलने के बाद प्राथमिक जांच-पड़ताल के दौरान हत्या का मामला सामने आने पर पुलिस ने तहकीकात करते हुए रविवार को हत्याकांड का खुलासा कर दिया है।
पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र जैन, एसडीओपी चित्रकूट के मार्गदर्शन से पुलिस हत्यारोपियों तक पहुंच ही गई। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों शुभम विश्वकर्मा पिता हीरालाल विश्वकर्मा उम्र 20 वर्ष निवासी जखौरा थाना धारकुंडी, धीरेंद्र बुनकर पिता सौकीलाल बुनकर उम्र 20 वर्ष एवं नीरज बुनकर पिता राजाराम बुनकर उम्र 25 साल निवासी जखौरा थाना धारकुंडी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक धारकुंडी थानान्तर्गत ग्राम कठारा निवासी जयसिंह तनय राम विश्वास ने 29 मार्च को मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि पियरा हार कठारा रोड पर एक 25 वर्षीय युवक का शव पड़ा हुआ है जिसका मुंह गमछे से बंधा हुआ है और उसे शरीर पर जींस का पैंट व शर्ट तथा पैर में पंप शू पहने हुए है। सूचना देने वाले यह भी बताया कि मृत युवक का शव छोटेलाल काछी के खेत में पड़ा है तथा उसके सिर में चोट का निशान है। सूचना मिलने पर संबंधित थाना पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव का पंचनामा करा कर रीवा से फोरेंसिंक टीम को भी बुलाया लिया। मृतक के पास से पुलिस टीम को मोबाइल, टार्च, तंबाकू की डिब्बी, रुमाल तथा बाएं पैर के मोजे के भीतर हाथ से लिखी अपहरण व फिरौती की चिट्ठी भी मिली।
मृतक युवक की शिनाख्त विनीत मिश्रा तनय रामकलेश मिश्रा उम्र 23 वर्ष निवासी जखौरा के रूप में की गई। मृतक के परिजनों ने बताया कि वह कई वर्षों से फरार था।
कट्टे से सिर में मार दी गोली
शिनाख्तगी के बाद मृतक का पीएम कराया गया। पीएम के दौरान प्राथमिक रिपोर्ट में पाया गया कि मृतक के सिर पर गोली मारी गई थी जिससे जिसके कारण ज्यादा खून बह जाने से उसकी मौत हो गई। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर वारदात को अंजाम देने वालों की तलाश शुरू कर दी।
अपहरण की बनाई गई थी योजना
जांच-पड़ताल के दौरान पुलिस टीम को शुभम विश्वकर्मा तनय हीरालाल उम्र 20 वर्ष की गतिविधियों पर संदेह हुआ। लिहाजा पुलिस ने उसे धर दबोचा। पूछताछ में शुभम ने बताया कि राम कलेश मिश्रा से उसकी कई दिनों से बात हो रही थी। राम कलेश मुनेश यादव का अपहरण करने की योजना बना रहा था। वारदात को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग कर ली गई थी। तय यह किया गया कि अपहरण करने बाद होली के दिन उसकी हत्या कर शव को जमीन में दफन कर देंगे तथा फिरौती वसूल ली जायेगी। पूरी योजना को अंजाम देने के लिए शुभम मुनेश यादव व अपने दो साथियों धीरेंद्र बुनकर उर्फ धीरू, तथा नीरज बुनकर को साथ लेकर मोटरसाइकल से पिंडरा पहुंचा। जहां बैठकर तीनों ने शराब पी। इस बीच बातचीत करते हुए छोटेलाल काछी के खेत में जा पहुंचे। इस बीच शुभम के मन में विचार आया कि यदि वे मुनेश यादव का अपहरण कर हत्या करेगा तो फंस जायेगा क्योंकि मुनेश के पिता उसके पिता का मित्र है। लिहाजा मुनेश का अपहरण और हत्या उसके गले की फांस बन जायेगा इसलिए उसने मुनेश की हत्या करने का विचार त्याग दिया।
इस बीच उसे रामकलेश मिश्रा नजर आया जो कि शातिर अपराधी था तथा कई वर्षों से फरार था। शुभम ने सोचा कि यदि रामकलेश की हत्या कर देंगे तो पुलिस वारदात को गंभीरता से नहीं लेगी तथा उनकी फिरौती वसूलने का मकसद भी पूरा हो जायेगा। लिहाजा शुभम ने रामकलेश से कट्टा लेकर उसी के सिर में फायर कर दिया। कट्टे की गोली रामकलेश के सिर में जा धंसी और वह वहीं ढेर हो गया। इसके बाद आरोपियों ने धीरेंद्र बुनकर की अहरी में गड्ढा खोद कर कट्टे को जमीन में दबा दिया, और अपने-अपने घर चले गये। शुभम द्वारा पूछताछ में दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपियों को धर दबोचा तथा हत्या प्रयुक्त कट्टे को भी बरामद कर लिया।
इनकी रही अहम भूमिका
अंधी हत्या को सुलााने में थाना प्रभारी कार्यवाहक निरीक्षक के.पी त्रिपाठी कार्यवाहक उप निरीक्षक आर एन रावत, सहायक उपनिरीक्षक,एसबी बर्मा, सहायक उप निरीक्षक जेपी वर्मा, कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक नरेंद्र मिश्रा, मार्तंड सिंह, आरक्षक अमित मिश्रा,सचिन पांडे,रमाकांत त्रिपाठी, विमल यादव,गुड्डू यादव साइबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक अजीत सिंह कार्यवाहक सहायक उपनिरीक्षक दीपेश सिंह, कमलाकर सिंह,अंकेश मरमट,मयंक मिश्रा प्रवीण तिवारी, विजय यादव थाना प्रभारी, थाना कोटर उपनिरीक्षक शैलेंद्र पटेल का सराहनीय योगदान रहा