Anti Naxalite Operation:digi desk/BHN/ छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर के अंदरूनी इलाकों में इंटेलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन में सड़क मार्ग की निगरानी (रोड ओपनिंग) का जिम्मा आइटीबीपी को सौंपा गया था। आइटीबीपी की टीम रोड ओपनिंग करके आगे गई और नक्सलियों ने पीछे से आ रही बस के पहुंचते ही आइईडी ब्लास्ट कर दिया। अब इस मामले की जांच हो रही है कि यह आइईडी पहले से लगाई गई थी या तत्काल लगाई गई।
नारायणपुर के अंदरूनी इलाकों में पांच टुकड़ियों को सर्चिंग के लिए भेजा गया था। जवानों की पांचों टीम ऑपरेशन के बाद कडेनार कैंप तक सुरक्षित आ गए, लेकिन जब उन्हें नारायणपुर कैंप लाया जा रहा था, उस दौरान आइईडी ब्लास्ट हुआ। सड़क को सुरक्षित होने का संकेत मिलने के बाद ही जवानों की बस यहां से गुजरी थी।
नक्सलियों ने जहां बस को निशाना बनाया उसी सड़क पर थोड़ी देर पहले इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस की दो टुकड़ियां गुजर चुकी थी। डीजी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा ने बताया कि कड़ेनार में नक्सलियों ने मंगलवार को आइईडी ब्लास्ट कर डीआरजी जवानों से भरी बस को उड़ा दिया था, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए।
फोर्स की बस के बारे में नक्सलियों को किस प्रकार जानकारी मिली, इसकी जांच की जा रही है। जुनेजा ने बताया कि पुलिया पर आइईडी कब लगाया गया, रोड ओपनिंग पार्टी से कहां से चूक हुई, जवानों के कैंप लौटने के बारे में क्या नक्सलियों को जानकारी मिल गई थी, यह किन परिस्थितियों में और कैसे लगाया गया। इन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
जुनेजा से जब यह पूछा गया कि क्या नक्सलियों ने ट्रैप लगाकर वारदात को अंजाम दिया है तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया। जुनेजा ने कहा कि इसे ट्रैप नहीं कहा जा सकता। जहां पिछले तीन दिन से ऑपरेशन चल रहा था, वहां से टीम वापस लौट आई है। इंटेलिजेंस को सूचना मिली थी कि नक्सलियों का बड़ा जमावड़ा है। ऐसे में जमावड़ा स्थल पर कोई घटना नहीं हुई।
21 अप्रैल को थी देवकरण की शादी
नक्सली ब्लास्ट में शहीद अंतागढ़ निवासी देवकरण देहारी की 21 अप्रैल को शादी थी। दो दिन पहले तक वह अपने रिश्तेदारों को कार्ड बांट रहा था। परिजनों ने बताया कि वह अपनी शादी को लेकर काफी उत्साहित था। कांकेर, अंतागढ़ और आस-पास के इलाके में रिश्तेदारों से मिलकर कार्ड दे रहा था और शादी में शामिल होने का आग्रह भी कर रहा था। 23 अप्रैल को देहारी के गांव में आशीर्वाद समारोह भी था।