-मरता है शरीर अमर है आत्मा नेत्रदान करने वालों को स्वयं मिलता है परमात्मा। : पद्मश्री मुक्ताबेंन
सतना भास्कर हिंदी न्यूज़/ शहर की समाजसेवी संस्था अमर ज्योति परिवार नें 80 नेत्रदाता परिनजों का सम्मान किया। ज्ञात हो कि आज की तारीख तक अमर ज्योति 800 से अधिक नेत्रदान कराने का इतिहास दर्ज कर चुकी हैं। सम्मान समारोह में पद्मश्री मुक्ता बैन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। उन्होने विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि मरता है शरीर अमर है आत्मा नेत्रदान करने वालों को स्वयं मिलता है परमात्मा। उन्होने आगे कहा कि मेरे पति पंकज कुमार डगली जी और मैं परमात्मा के दिखाए गए रास्ते पर सेवा का कार्य कर रहे है । हम स्वयं नेत्रहीन होने के बावजूद पूरा जीवन नेत्रहीन एवं दिव्यांगों के लिए समर्पित किया है। नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं है। सभी को करना और करवाना चाहिए। पद्मश्री से सम्मानित श्रीमती मुक्ताबेन दगली व पंकज कुमार दगली व संस्था के मार्ग दर्शक उत्तम बनर्जी एवं महापौर योगेश ताम्रकार की गरिमामय उपस्थित आयोजित किया गया है जबकि मंच पर संयोजक मनोहर डिगवानी डॉ.गौतम परमार (सतगुरु नेत्र सेवा केंद्र) प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर की तत्पश्चात संचालन करते हुए मनमोहन महेश्वरी ने आए हुए अतिथियों का परिचय करवाया एवं संस्था के सदस्यों से माल्यार्पण कर स्वागत करवाया।
नृत्य नाटिका संकल्प अनमोल दृष्टि की ने मन मोह लिया
सम्मान समारोह का शुभारंभ विंध्य की प्रसीध्द नृत्यांगना श्रीमती प्रियंका सुनील भसीन के 25 छात्रों द्वारा नेत्रदान से प्रेरित भावपूर्ण नृत्य नाटिका संकल्प अनमोल दृष्टि का की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। नृत्य के साथ संगीत की मनोरम प्रस्तुति रही। स्वागत उद्बोधन संस्था के संयोजक मनोहर डिगवानी ने अतिथियों एवं उपस्थित सम्मानीयजनों व मातृशक्ति का शब्दों से स्वागत किया।
सभी को अभिभूत कर रहा अमर ज्योति परिवार
महापौर योगेश ताम्रकार अपने उद्बोधन में कहां वर्तमान समय में सतना सर्वाधिक नेत्रदान करवाने वाले सतना के नाम से जाना जाता है। अतिथि उत्तम बनर्जी ने अपने उद्बोधन में कहा अमर ज्योति परिवार सभी को अभिभूत करता है सभी को प्रयास करना चाहिए कि किसी की मृत्यु होने के बाद नेत्र अग्नि को समर्पित ना हो।
9 लोगो ने मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया
विनोद गेलानी ने बताया नेत्रदाता परिजनों के सम्मान के साथ-साथ 1देह मेडिकल कॉलेज को सोप चुके है उनके परिजनों एवं 9 लोगो ने मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया है उन देहदानियों का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर नेत्रदान जागरुकता में पत्रकार बंधुओ के उल्लेखनीय सहयोग के लिए पत्रकार बंधुओ का भी शाल पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन मनमोहन माहेश्वरी एवं कमल पुरस्वानी के किया। आभार व्यक्त दिलीप सोनी ने व्यक्त किया।
इनकी रही उपस्थिति
प्रकाश चंद शिवनानी, कमलेश पटेल लखनलाल केसरवानी गोपी गेलानी सिरुमल भोजवानी रामचंद अशोक जय़सवाल श्रीचंद दौलतनी विजय सिंह अशोक आहूजा हेमंत डेनियल सागर गुप्ता अशोक चाँदवानी आशीष मोगिया पुष्पेंद्र दिवेदी महेश जानवनी गोपी चंद कापड़ी मनोहर वाधवानी रामावतार त्रिपाठी अशोक वाधवानी अशोक दौलतनी अमर ज्योति परिवार के डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह कमल पुरसवानी मनोज अरोड़ा मनमोहन माहेश्वरी विभाष बनर्जी नरेंद्र चंद्र गुप्त विनोद गेलानी मनोज वलेजा हरिओम गुप्ता ललित खुदराना श्यामलाल गुप्ता डॉक्टर प्रकाश सिंह संजय वाधवानी दिलीप सोनी घनश्याम मंघरानी अनिल मोटवानी आशीष संदीप धुत विपुल हांडा प्रदीप अरोड़ाअनिल शर्मा नीलाम्बर झा जेठानंद वाधवानी होलाराम खिलवानी दिनेश अग्रवाल अनिल झुलवानी बसंत शर्मा मनीष टेकवानी रूपेश वालेचा दीपक गुप्ता अशोक ताम्रकार दीपक वाधवानी निक्की मनचंदानीं दीपक चुगवानी मंजूषा शाहा नीतू अग्रवाल सुधीर जैन संदीप चमडिय़ा जी ने सभी सर्वसमाज के सभी सम्मानीयगणों से कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।