Holi 2021:digi desk/BHN/ आज से सात दिनों तक गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे, क्योंकि होलाष्टक शुरू हो गए हैं। इस बार होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी 22 मार्च से प्रारंभ होकर 28 मार्च तक रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पं.गौरव उपाध्याय ने बताया कि सामान्यता होलाष्टक आठ दिन के होते हैं, परंतु इस बार तिथि क्षय के कारण सात दिन के होंगे। 28 मार्च को होलाष्टक समाप्त होंगे तथा होलिका दहन किया जाएगा। इस बार भद्रा काल दोपहर 1:50 पर समाप्त हो जाएगा, अत: होलिका दहन के समय भद्रा की कोई बाधा नहीं रहेगी। 29 मार्च को होली खेली जाएगी, जिसे धुलेंडी भी कहते हैं। होलिका दहन का मुहूर्त 28 मार्च में प्रदोश काल में शाम 6:49 से रात 9:10 तक श्रेष्ठ मना जाएगा। होलाष्टक में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। होलाष्टक में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, विद्यारंभ, नामकरण, सगाई, नई वस्तु खरीदना, वाहन, भवन सोना, रत्न आदि की खरीदारी को वर्जित माना जाता है। 16 संस्कार भी नहीं किए जाते हैं।
पौराणिक कथा
भगवान शिव ने प्रेम के देवता कामदेव को होलाष्टक में ही भस्म किया था। इन दिनों में ग्रह अधिक उग्रता लिए रहते हैं, जिसकी वजह से शुरू किए गए कार्य के बनने की जगह बिगड़ने की आशंका अधिक रहती है। चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को इन ग्रहों को नकारात्मक ऊर्जा कमजोर होने से लोगों में खुशी होती है। इसलिए वे एक दूसरे पर रंग डाल कर खुशियां मनाते हैं।