Anil Deshmukh Case:digi desk/BHN/ महाराष्ट्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के मुद्दा सोमवार को राज्यसभा में उठा। भाजपा के सदस्यों ने Anil Deshmukh के इस्तीफे के साथ ही उद्धव ठाकरे सरकार की बर्खास्तगी की मांग उठाई। भाजपा के राज्यसभा में सदस्य राकेश सिंह ने यह मुद्दा रखा। राकेश सिंह ने कहा कि शायद यह देश के इतिहास में पहला मौका है जब एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस अधिकारी को 100 करोड़ रुपए रोज की उगाही का टारगेट दिया गया था। वहीं शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर गृह मंत्री का बचाव किया। पवार ने कहा कि फरवरी में सचिन वाजे और अनिल देशमुख की बात हुई थी, यह बात गलत है क्योंकि उस समय गृह मंत्री अस्पताल में थे और कोरोना का इलाज करवा रहे थे।
इस बीच, चर्चा है कि Anil Deshmukh के भविष्य का फैसला आज हो सकता है। सोमवार को महाविकास अघाड़ी (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन) की अहम बैठक होना है और माना जा रहा है कि बैठक का एकमात्र मुद्दा Anil Deshmukh है। कांग्रेस भी इस मामले में हमलावर नजर आ रही है और खबर है कि पार्टी आलाकमान ने प्रदेश के नेताओं से इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इस बात के संकेत कम ही हैं कि Anil Deshmukh को पद से हटाया जाए। कारण, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस, तीनों नहीं चाहते हैं कि Anil Deshmukh के इस्तीफे का श्रेय भाजपा को जाएं। कारण- पूरा मामले में देवेंद्र फडणवीस पूरी तरह मुख रहे हैं। कहा जा रहा है कि मामले की जांच होगी और आगे सबूत मिलने पर कार्रवाई संभव है।
इससे पहले रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पहली बार मामले में अपनी बात रखी। बता दें, Anil Deshmukh, एनसीपी कोटे से उद्धव सरकार में गृह मंत्री हैं। शरद पवार भी एक तरह से Anil Deshmukh का बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लगाए आरोप गंभीर हैं, लेकिन उनके पास कोई सबूत नहीं हैं। Anil Deshmukh को पद से हटाए जाने के सवाल पर पवार ने कहा था कि इसका फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे।
शिवसेना के नेता भी Anil Deshmukh के बचाव में
इस बीच, शिवसेना के नेता भी Anil Deshmukh के बचाव में आ गए हैं। संजय राउत ने कहा है कि सरकार इस हिसाब से नहीं चलेगी कि भाजपा क्या चाहती है। सरकार अपने हिसाब से काम करेगी। वहीं नवाब मलिक ने कहा है कि परमबीर के आरोप झूठे हैं क्योंकि जिस समय उन पर 100 करोड़ रुपए रोज उगाही की मांग की जा रही है, उस समय वे अस्पताल में कोरोना का इलाज करवा रहे थे।