- लॉन्ड्री में लगेंगे एआई तकनीक से लैस कैमरे
- गंदे और फटे बेडरोल की स्वतः होगी पहचान
- भोपाल और जबलपुर में जल्द लगेगा सिस्टम
भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे अपनी लॉन्ड्री में जल्द ही एआई तकनीक वाले कैमरे लगाने की तैयारी कर रहा है। इस तकनीक से रेल के एसी कोच में यात्रा करने वाले लोगों को दिए जाने वाले चादर, कंबल और कटे-फटे कपड़ों को लेकर आने वाली शिकायत पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी।
लॉन्ड्री में लगाए जाने वाले एआई तकनीक से लैस कैमरे गंदे व फटे चादरों, कंबलों की पहचान कर उन्हें स्वत: ही हटा देगा। एआई के उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे से एक-एक बेडरोल का विस्तृत चित्र लिया जाएगा और गंदे व फटे बेडरोल उसके सामने आते ही वह उस पर निशान छोड़ देगा। बाद में इन चादर, कंबल की पहचान कर इन्हें अलग कर लिया जाएगा।
सुविधा पुणे में हो चुकी है शुरू
यह कैमरे से लैस मशीनीकृत लॉन्ड्री सुविधा पूरे मप्र में इसी वर्ष शुरू करने की तैयारी है। इससे पहले यह सुविधा महाराष्ट्र के पुणे में शुरू हो चुकी है।
बता दें कि भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह के पास रेलवे की लॉन्ड्री है। वहीं, जबलपुर में भी रेलवे की लॉन्ड्री है, जहां से धुलाई के बाद चादर, कंबल यात्रियों को उपलब्ध कराए जाते हैं।सबसे पहले इन्ही लॉन्ड्री में एआई तकनीक के कैमरे लगाने की योजना बनाई गई है।
इस तरह करेगी काम
मशीनीकृत लॉन्ड्री में चादरों को कंवेयर सिस्टम पर डाला जाता है, फिर उन्हें डिटेक्शन क्षेत्र से गुजारा जाता है। उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे विस्तृत तस्वीर लेते हैं और साफ्टवेयर 100 प्रतिशत सटीकता के साथ दाग और क्षति की पहचान करता है।
इसमें एल्गोरिदम और डाटा संग्रह की मदद ली जाती है। यह सिस्टम हर चादर पर दाग और क्षति का प्रतिशत रिकार्ड करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यात्रियों को साफ चादर मिलें।