National all party meeting before budget issue of name plates on shops raised jdu demands special status of bihar: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ आगामी बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें कई मुद्दे उठे। इससे यह साफ जाहिर हो गया है कि यह सत्र भी हंगामेदार होने वाला है। यूपी सरकार के दुकानों पर नेमप्लेट के फैसले का मामला यहां भी उठा।
कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर की मांग, नीट गड़बड़ी, मणिपुर मामला और चीन के मामले को उठाया। जेडीयू ने कहा कि बिहार को स्पेशल स्टेटस मिलना चाहिए।
बिहार और आंध्र को विशेष दर्जे मांग
- कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी दी कि सर्वदलीय बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें जेडी(यू) नेता ने कहा कि बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा मिलना चाहिए।
- वाईएसआरसीपी ने कहा कि आंध्र प्रदेश भी विशेष श्रेणी के दर्जे का हकदार है। इस मामले पर राजनीति करने वाली टीडीपी फिलहाल शांत दिखाई दी।
- इसी के साथ बीजू जनता दल (बीजेडी) नेता ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को हम याद दिलाना चाहते हैं कि उन्होंने 2014 के चुनाव घोषणापत्र में ओडिशा को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया था। अपने उस वादे को पूरा करने का समय आ गया है।
सभी दलों ने उठाया किसानों का मुद्दा- अकाली दल
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल समेत कई पार्टियों ने किसानों का मुद्दा उठाया है। चार साल पहले प्रधानमंत्री ने किसानों से वादा किया था। वह उस वादे को पूरा करें, क्योंकि वह आज भी धरने पर बैठे हैं। किसानों के मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए।
आप ने उठाया ईडी व सीबीआई के दुरुपयोग का मामला
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि ईडी और सीबीआई का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है। केजरीवाल जी को जेल में रखा गया है। मैंने ये पूरा मुद्दा उठाया। हमारे 2 मंत्रियों को गिरफ्तार कर जेल में रखा है। मैंने वो मुद्दा भी उठाया। नेमप्लेट लगाने का मामला भारत के संविधान के खिलाफ है। यह इस देश के दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।
हम लाएंगे अच्छा बजट- किरण रिजिजू
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह बजट सत्र अच्छा रहेगा। हम अच्छा बजट लाएंगे, इसका सभी को इंतजार है। कल 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। 23 जुलाई को जनरल केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया जाएगा। सरकार दोनों सदनों के सभापति से चर्चा कर बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के जरिए किसी भी नियम के तहत खुले दिल से बहस के लिए तैयार है।