Love Jihad M.P:digi desk/BHN/ भोपाल/ लव जिहाद के खिलाफ विधानसभा में मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 सोमवार को पेश किया गया। प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने विधोयक पटल पर रखा। विधेयक पर मंगलवार को बजट पेश हो जाने के बाद चर्चा होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अध्यादेश जारी कर नौ जनवरी 2021 को यह कानून प्रदेश में लागू किया था। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत कानून के लिए विधेयक का पारित होना जरूरी है और इसलिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है। अध्यादेश लागू करने के बाद से 11 फरवरी तक इस मामले में 23 प्रकरण दर्ज हुए हैं।
इनमें सर्वाधिक भोपाल संभाग में सात, इंदौर संभाग में पांच, जबलपुर व रीवा संभाग में चार-चार और ग्वालियर संभाग में तीन मामले हैं। इस कानून के तहत महिला, नाबालिग, अनुसूचित जाति, जनजाति के व्यक्ति का मतांतरण करवाने पर कम से कम दो और अधिकतम दस साल के कारावास की सजा तथा कम से कम पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा। अन्य कड़े प्रविधान भी किए गए हैं।
पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग से विधायकों ने पूछे सवाल
मध्य प्रदेश विधानसभा में पहली बार दो विधायकों (नारायण सिंह पट्टा और डा.अशोक मर्सकोले) ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सवाल पूछे। इसके पहले डा. राजेंद्र पांडे वीडियो कांफ्रेंसिंग से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया था।
कोरोना संक्रमण के कारण विधानसभा सचिवालय ने सदन नहीं आ पाने वाले विधायकों को राष्ट्रीय सूचना केंद्र या लिंक के माध्यम से कार्यवाही में हिस्सा लेने की सुविधा दी है। संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह व्यवस्था विशेष परिस्थिति के लिए ही रहनी चाहिए।
मंडला से कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में अजय शर्मा व्याख्याता (व्यावसायिक शिक्षा) की पदस्थापना को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि जब व्यावसायिक पाठयक्रम ही नहीं है तो फिर पदस्थापना कैसे हो गई।
जनजातीय कार्यमंत्री मीना सिंह मांडवे ने बताया कि उच्च न्यायालय का स्थगन है। शासन जवाब देगा और स्थगन हटवाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डा. अशोक मर्सकोले ने बस्ती विकास योजना के कामों में जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को शामिल नहीं करने का मुद्दा उठाया। विभागीय मंत्री ने बताया कि सांसद और विधायक समिति के सदस्य होते हैं। जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव लिए जाएंगे।