Why did the doctor put the temporal muscles in the eye:digi desk/BHN/ विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती भिंड मुरैना से आए 70 साल के रामेश्वर गोस्वामी लंबे समय तक एक आंख खोल कर सोते रहे। गहरी नींद में उनकी एक आंख खुली देखकर घर के बच्चे व अन्य स्वजन डर जाते थे। इस शारीरिक विकृति के कारण रामेश्वर की हमेशा खुली रहने वाली एक आंख की नमी खत्म हो चुकी थी। इतना ही नहीं अल्सर और नेत्रहीनता होने की आशंका बनी रहती थी। दरअसल, रामेश्वर कुष्ठ रोग के कारण होने वाली ‘लैगोफथाल्मोस’ बीमारी की चपेट में आ गए थे। भिंड के एक अस्पताल में बीमारी का पता चलने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें प्रदेश के एकमात्र शासकीय कुष्ठ रोग विकृति निवारण केंद्र विक्टोरिया अस्पताल जबलपुर रेफर किया। विक्टोरिया में रामेश्वर की कनपटी से निकाली गई मांसपेशियां उनकी खराब आंख में लगाई गई जिसके बाद पलक खुलने और बंद होने लगी। ऑपरेशन जिला कुष्ठ अधिकारी डॉक्टर नवीन कोठारी द्वारा विक्टोरिया अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में किया गया।
यह बीमारी छीन लेती है आंखों की रोशनी
कुष्ठ रोग के कारण होने वाली यह विकृति आंखों की रोशनी छीन लेती है नवीन कोठारी ने बताया कि बीमारी के कई खतरनाक रूप सामने आ चुके हैं कुछ मरीज अंधत्व का शिकार हो गए और जो समय पर विक्टोरिया अस्पताल पहुंच गए उनकी आंखे बचा ली गई ऐसे मरीज भी सामने आए जिनकी आंख की पलक खुली रहने के कारण भूल के कारण समाने लगे आंख जख्मी हुई जिससे अल्सर के कारण रोशनी चली गई। उन्होंने बताया कि कुष्ठ के कारण यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है इसलिए पलकें झुकने में किसी भी तरह की परेशानी होने पर चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।