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बंधन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने गरीब महिलाओं से की ठगी

बिश्रामपुर

महिला समूह की सदस्यों को स्वरोजगार के लिए आसान किश्तों के नाम पर बंधन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक विनय साहू द्वारा गरीब महिलाओं का ऋण स्वीकृत कर लाखों रुपये हड़प कर फरार हो गया । मामले में करीब साल भर बाद भी कोई कार्रवाई नही होने से पीड़ित महिलाएं मानसिक प्रताड़ना की शिकार हो रही है। कथित शाखा प्रबंधक पर 20 लाख रुपये से अधिक राशि की गड़बड़ी करने की बात सामने आई है। अब उन्हें ऋण नही पटाने पर बैंक प्रबंधन से नोटिस मिलने से वे काफी परेशान है।
 

इस आशय की शिकायत पीड़ित महिलाओं ने बिश्रामपुर थाने और जिला प्रशासन से की थी। उसके बावजूद आर्थिक अपराध जैसे गंभीर मामले में कार्यवाही नही होने से पुलिस समेत जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगना लाजिमी है। धोखाधड़ी की शिकार गरीब महिलाओं ने उक्ताशय की अनेक शिकायत बिश्रामपुर थाने से लेकर सूरजपुर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से करते हुए कार्यवाही की मांग के साथ न्याय की गुहार लगाई थी।

कार्रवाई के अभाव में पीड़ित ग्रामीण महिलाएं थाना से लेकर प्रशासनिक कार्यायलयों तक चक्कर लगाने को मजबूर है। पूरा मामला बिश्रामपुर सूरजपुर हाईवे पर केशवनगर गांव में संचालित बंधन बैंक का है। इस बैंक में उस समय महिला समूह के जरिए बैंक प्रबंधन द्वारा समूह की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आसान किस्तों पर लोन दिए जाने की प्रक्रिया जारी थी।

बैंक की योजना के तहत विश्रामपुर एवं सूरजपुर क्षेत्र की महिला समूह की सदस्यों क्रमशः अमिता देवांगन, अमीना खातून, विन्देश्वरी, डोली, सोनी देवी, कल्याणी, तारा देवी, पिंकी देवी, मैना देवी, असमीना, नाजमा वीवी, सोनामती के अलावा रीता गुप्ता, रिंकी गुप्ता, पुष्पा गुप्ता, सरिता गुप्ता ने ऋण के लिए आवेदन किया था। पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक विनय कुमार साहू एवं बैंक कर्मचारियों द्वारा ऋण के संबंध में नियम एवं शर्ते समझाने के बाद बैंक के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर व अंगूठा निशान लगवाने के साथ ही मशीन पर उनका अंगूठा निशान लिया गया था।

बैंक के शाखा प्रबंधक विनय साहू ने उन्हें बताया था कि अमिता देवांगन का 70 हजार , अमीना खातून का 50 हजार, विदेश्वरी का 40 हजार, डोली का 50 हजार , सोनी देवी का 80 हजार , कल्याणी का 70 हजार, तारा देवी का 40 हजार, पिंकी देवी का 25 हजार , मीना देवी का 25 हजार , असमीना का 50 हजार , नाजमा बीवी का 30 हजार , अंजली का 50 हजार एवं सोनामती का 40 हजार रुपए ऋण स्वीकृत हुआ है। इसी प्रकार रीता गुप्ता का 70 हजार , रिंकी गुप्ता का 40 हजार , पुष्पा गुप्ता का 40 हजार रुपए एवं सरिता गुप्ता का 40 हजार रुपए ऋण स्वीकृत हुआ है।

शाखा प्रबंधक ने समस्त वस्तावेजों व फिंगर मशीन में अंगूठा लगवाने के बाद उन्हें बताया था कि ऋण की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। जैसे ही ऋण की रकम आएगी, सभी को प्रदान कर दी जाएगी। पीड़ित महिला हितग्राहियों के मोबाइल में उनके बैंक खाते में ऋण की राशि आने का मैसेज आने पर उन्होंने जब बैंक पहुंचकर शाखा प्रबंधक से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि मैसेज पहले आता है और फिर बाद में राशि आने पर बैंक से भुगतान होता है।

इस कार्यवाही में कई दिन लगने की बात उन्होंने कही थी। उसके बाद बैंक जाने पर बैंक के शाखा प्रबंधक द्वारा नई नई बातें बोलकर उन्हें गुमराह करते हुए कहा जाता रहा कि जब रकम का भुगतान होगा, तभी से रकम का ब्याज लगेगा। माह जुलाई अगस्त 2023 में शाखा प्रबंधक द्वारा गुमराह किये जाने और बाद वे नदारद हो गए। शाखा प्रबंधक के भागने के बाद नए शाखा प्रबंधक वीरेंद्र धुलिया के आने पर पीड़ित महिला हितग्राही महिलाओं को जानकारी मिली कि उनकी ऋण राशि स्वीकृत होने के साथ ही उनके खाते से राशि आहरित हो चुकी है।

ठगी का खुलासा होने पर नए शाखा प्रबंधक ने पीड़ित महिलाओं से ऋण की राशि प्राप्त नही होने के संबद्ध में आवेदन लिखवा कर उनका दस्तखत व अंगूंठा निशान लिया था। उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया था कि उनके साथ छल कर राशि आहरण करने वाले शाखा प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही उनका ऋण माफ कर दिया जाएगा।

शाखा प्रबंधक फरार, न्याय की गुहार
ऋण के नाम पर तीन दर्जन से अधिक गरीब महिलाओं से लाखों रुपये की रकम धोखाधड़ी कर हड़पने का बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक के फरार हो जाने के मामले में करीब एक साल बाद भी कोई कार्रवाई नही होने से पीड़ित महिलाएं न्याय पाने पुलिस और प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर है। आज पर्यंत न तो कथित बैंक मैनेजर के विरुद्ध कोई कार्रवाई हुई हैं और न ही पीड़ित महिलाओं को न्याय ही मिल सका है। इधर पीड़ित महिलाओं का कहना है कि पिछले कुछ माह से बैंक जाने पर बैंक भी हमेशा बन्द मिलता है। इस संबन्ध में एलडीएम (लीड बैंक मैनेजर)से संपर्क नही हो पाने के कारण उनसे जानकारी नही ली जा सकी।

वर्जन -1
मैं छुट्टी पर हूं, इसलिए बैंक बन्द है। वैसे बैंक में हमेशा लेनदेन हो रहा है। उक्त मामले की जांच कलेक्टोरेट में लंबित है। हमने संबन्धित दस्तावेज कलेक्टोरेट कार्यालय में एलडीएम के पास प्रस्तुत कर दिए है। हमें भी शिकायत मिली थी। जिस पर हमने स्थानीय थाने में शिकायत कर दी थी।
विनय धुलिया शाखा प्रबंधक ,बंधन बैंक शाखा केशवनगर बिश्रामपुर

वर्जन 2
मामला मेरे कार्यकाल का नही है। पूर्व में उक्ताशय की शिकायत पीड़ित महिलाओं ने की थी। पूरे मामले की जांच कलेक्टर कार्यालय से किये जाने के कारण संबन्धित शिकायत कलेक्टर कार्यालय भेज दी गई है।
अलरिक लकड़ा थाना प्रभारी बिश्रामपुर

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