सतना,भास्कर हिंदी न्यूज/ राज्य शासन द्वारा नगरीय निकायों के माध्यम से शहरी गरीबों के उत्थान के लिये डे-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का संचालन किया जा रहा है। आजीविका मिशन क्षमता संवर्धन, स्व-रोजगार, सामाजिक सुरक्षा एवं संस्थागत विकास के माध्यम से शहरी गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है। जिले की नगरीय निकायों को शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में डे-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के संचालन और क्रियान्वयन का प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर जिला शहरी विकास परियोजना अधिकारी विद्याशंकर चतुर्वेदी, सिटी मैनेजर दीपक शर्मा, असिस्टेंट कमिश्नरी नगर निगम सुभाष शर्मा सहित नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सामुदायिक संगठन एवं कम्प्यूटर आपरेटर भी उपस्थित रहे।
डे-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की जानकारी में परियोजना अधिकारी श्री चतुर्वेदी ने बताया कि मिशन के अंतर्गत बेघर नागरिकों के आश्रय एवं आवश्यक सेवायें उपलब्ध कराई जायेगी। पथ विक्रेताओं की सहायता के अलावा समुचित स्थानों पर हाकर्स कॉर्नर विकसित किये जायेंगे। मिशन बेघर लोगों का आश्रय और सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करेगा। आजीविका मिशन के तहत कुल 6 प्रमुख घटक होंगे। जिनमें शहरी गरीबों के लिये आश्रय योजना, सामाजिक एकजुटता एवं संस्थागत विकास, क्षमतावर्धन एवं प्रशिक्षण, रोजगार बढ़ाने के लिये कौशल प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट, स्व-रोजगार कार्यक्रम व्यक्तिगत एवं सामूहिक तथा शहरी पथ विक्रेताओं को सहायता शामिल है। सभी जिला मुख्यालय के शहर और एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर मिलाकर प्रदेश के कुल 55 शहरों में डे-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
सामाजिक एकजुटता एवं संस्थागत विकास के तहत शहरी गरीब परिवारों को मिलाकर 10 से 20 सदस्यों का स्व-सहायता समूह बनाया जायेगा। प्रत्येक 10 से 20 स्व-सहायता समूहों को मिलाकर एरिया लेबल फेडरेशन और 10-20 एरिया लेबल फेडरेशन का संघ सिटी लेबल फेडरेशन बनेगा। 3 लाख से कम जनसंख्या के राष्ट्रीय आजीविका मिशन में शामिल प्रत्येक शहर में कम से कम एक शहरी आजीविका केन्द्र की स्थापना की जायेगी। जिसके माध्यम से आजीविका मिशन के समूहों की उत्पाद सामग्री के विक्रय और अन्य सेवायें प्रदान की जायेंगी।