Automobile Safety Standards News:digi desk/BHN/ भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में गाड़ियों में सेफ्टी स्टैंडर्ड (Safety Standard) को लेकर सरकार काफी गंभीर है. सेफ्टी मानकों को नजरअंदाज कर गाड़ियां बनानेवाली कंपनियाें को मोदी सरकार ने साफ शब्दों में संभल जाने को कहा है. सरकार ने उन रिपोर्ट्स पर चिंता जताई कि भारत में ऑटोमोबाइल विनिर्माता (Automobile companies) जनबूझकर कमतर सुरक्षा मानकों वाली गाड़ियों को बेच रहे हैं और इसे तत्काल बंद करने के लिए कहा है.
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में वाहनों की सुरक्षा का मुद्दा हाल में काफी सुर्खियों में छाया रहा. खासतौर पर तब, जब देश की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी की हैचबैक कार मारुति सुजुकी एस-प्रेसो (Maruti Suzuki S-Presso) ग्लोबल एनसीएपी (Global NCAP) की सुरक्षा रेटिंग के क्रैश टेस्ट में फेल रही है.
अब सरकार वाहनों की सुरक्षा को लेकर एक्टिव दिख रही है. क्रैश टेस्ट में एस-प्रेसो के प्रदर्शन से मारुति सुजुकी कार में सुरक्षा को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी, क्योंकि यह कार किफायती कीमत और अपने माइक्रो-एसयूवी (micro SUV) ब्रांडिंग और फीचर्स से भरे केबिन की वजह से एक लोकप्रिय मॉडल है.
सरकार ने उन रिपोर्ट्स पर चिंता जताई कि भारत में ऑटोमोबाइल विनिर्माता जनबूझकर कमतर सुरक्षा मानकों वाले वाहनों को वाहन बेच रहे हैं और इसे तत्काल बंद करने के लिए कहा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरधर अरमने ने ऑटो विनिर्माताओं के संगठन सिआम (SIAM) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सिर्फ कुछ विनिर्माताओं ने ही वाहन सुरक्षा रेटिंग प्रणाली को अपनाया है और वे भी केवल अपने महंगे मॉडलों के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा, मैं कुछ समाचारों से बेहद विचलित हूं, कि भारत में ऑटो विनिर्माता जानबूझकर सुरक्षा मानकों को कम रखते हैं. इस चलन को बंद करने की जरूरत है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरधर अरमने ने कहा कि वाहन विनिर्माता सड़क सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और भारत में उन्हें सबसे अच्छी गुणवत्ता के वाहन की पेशकश में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी विनिर्माताओं को अपने सभी वाहनों के लिए सुरक्षा रेटिंग देनी जरूरी है, ताकि उपभोक्ताओं को यह पता चल सके कि वे क्या खरीद रहे हैं.