उत्तर प्रदेश
यूपी के कौंशाबी से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां गुरुवार को सिक्योरिटी गार्ड को चकमा देकर वन स्टॉप सेंटर से देर रात तीन दुष्कर्म पीड़िताएं भाग निकलीं। शुक्रवार सुबह इसकी जानकारी होते ही महकमे में हड़कंप मच गया। एसपी ने किशोरियों की बरामदगी के लिए तीन टीमों का गठन किया। हालांकि बाद में प्रयागराज से किशोरियों को बरामद किया गया।
कौशांबी के जिला अस्पताल परिसर में वन स्टॉप सेंटर संचालित है। यहां दुराचार, छेड़खानी की शिकार महिलाओं को बयान के लिए बुलाया जाता है। बयान और मेडिकल कार्रवाई पूर्ण होने तक पीड़िताओं को यहीं रखा जाता है। वन स्टॉप सेंटर में संदीपनघाट, पश्चिमशरीरा और सरायअकिल थाना क्षेत्र की तीन रेप पीड़िताएं मेडिकल और बयान के लिए लाई गईं थीं। गुरुवार की देर रात तीनों किशोरियां यहां से भाग गईं। इसकी जानकारी सेंटर के प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों को हुई तो हड़कंप मच गया। सूचना पुलिस को दी गई।
सदर कोतवाल संतोष शर्मा मय फोर्स पहुंच गए। सीसीटीवी कैमरा के अलावा वहां तैनात महिला होमगार्ड से पूछताछ की गई। किशोरियां कैसे भागीं, इसकी जानकारी नहीं हो पाई। एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने किशोरियों की तलाश के लिए तत्काल तीन टीमों का गठन किया। दोपहर बाद पुलिस ने प्रयागराज से तीनों किशोरियों को बरामद कर लिया।
नारी निकेतन भेजे जाने के डर से भागीं किशोरियां
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को कई किशोरियों को बताया गया कि उन्हें नारी निकेतन भेजा जाएगा। जहां वहां सुधर जाएंगी। इसके अलावा अन्य कई ऐसी बातें कही गईं, जिससे किशोरियां सहम गई थीं। इसके बाद ही तीनों किशोरियां आपस में राय मशविरा करने के बाद भाग निकलीं।
सेंटर के कर्मचारियों पर कार्रवाई तय
वन स्टॉप सेंटर से गुरुवार रात किशोरियों के भाग जाने की घटना की किसी को भनक तक नहीं लगी। सुरक्षा के लिए तैनात महिला होमगार्ड व अन्य कर्मी पूरी तरह से अनजान बने रहे। सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है, लेकिन स्पष्ट जानकारी नहीं हो सकी कि किशोरियां कैसे भागीं। मामले में वन स्टॉप सेंटर में तैनात कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
पहले भी सेंटर से भाग चुकी हैं किशोरियां
वन स्टॉप सेंटर से लगातार किशोरियां भाग रहीं हैं। पहले भी कई किशोरियां यहां से भाग चुकी हैं। बयान से पहले किशोरियों के अचानक गायब होने पर पुलिस की भी काफी किरकिरी हो चुकी है। पहले हुई घटनाओं में कार्रवाई भी की गई है। इसके बावजूद किशोरियों के भागने का सिलसिला थम नहीं रहा। जबकि सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किए गए हैं।