women in panic due to five policemen:digi desk/BHN/ एक महिला कोलार थाने के एएसआइ समेत पांच पुलिसकर्मियों के कारण दहशत में है। महिला ने पांचों पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि पुलिस ने उसे तीन दिन तक बिना किसी कारण थाने में रखा और चोरी की वारदात कबूल करने का दबाव बनाया। यहां तक कि पुलिस उसके 11 वर्षीय बेटे और भाई को भी धमका रही है। वहीं कोलार थाने के पुलिसकर्मी महिला के आरोप को झूठा और बेबुनियाद बता रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कोलार में रहने वाली महिला वर्षा अग्रवाल का आरोप है कि वह सालों से सराफा बाजार में काम कर रही है। अभी तक किसी भी ज्वेलर्स ने उसके खिलाफ कभी कोई शिकायत नहीं की है। वह कोलार के मंदाकिनी में स्थित स्वर्ण सुख ज्वेलर्स में जुलाई 2020 से काम कर रही थी। इस दौरान ज्वेलर के कुछ गलत कामों की उसे जानकारी हो गई थी। इसके बाद से ज्वेलर्स संचालक ने उसे चोरी के झूठे केस में फंसाने के लिए कोलार थाने के एएसआइ जसवंत सिंह, देवेंद्र पंडोलिया, विजय यादव, कुंवर बहादुर और आरक्षक चमेली पवार से मिलीभगत कर उसे प्रताड़ित और अभद्र व्यवहार कराया और उसे चोरी करने की बात कबूल करवाने को कहा। महिला ने एसपी से लेकर मानव अधिकार आयोग में शिकायत की है। महिला का आरोप है कि उसे बिना किसी अपराध के पांच से लेकर सात जनवरी तक थाने में रखकर अभद्र व्यवहार किया गया। महिला का यह भी आरोप है कि उससे डेढ़ लाख रुये की भी मांग की। महिला ने एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया है, जिसमें एएसआइ जसवंत सिंह धमकाते हुए दिख रहे हैं। हालांकि एएसआइ कोलार जसवंत सिंह का इस मामले में कहना है कि महिला के लगाए सभी आरोप सरासर झूठे और असत्य हैं।
पुलिस के डर से छिपकर घूम रही हूं
मैं मंदाकिनी स्थित ज्वेलर्स के यहां काम करती थी। वहां मुझे दुकान में होने वाले कुछ गलत कामों के बारे में जानकारी लगी। इसके बाद से ज्वेलर्स संचालक मुझे परेशान कर रहा था। उसकी मिलीभगत से कोलार पुलिस ने मुझे और मेरे 11 साल के बेटे को थाने में तीन दिन तक रखा। मेरे बेटे का गला दबाया गया और मुझसे चोरी जबरन कबूल करने का कहा गया। पुलिस के डर से घर छोड़कर छिपकर घूम रही हूं। मेरे भाई को भी परेशान किया जा रहा है।