India railway:digi desk/ BHN/ राजधानी भोपाल से मुंबई, दिल्ली, प्रयागराज, हावड़ा, पुणे की तरफ जाने वाली ट्रेनों की संख्या तो बढ़ गई है, लेकिन यात्रियों को अब भी कंफर्म टिकट नहीं मिल रहे हैं। फरवरी माह की बात करें तो कानपुर, गोरखपुर प्रयागराज, मुंबई, पुणे जाने वाली ट्रेनों में 80 तक वेटिंग है। कुछ ट्रेनों में तो फरवरी के पहले सप्ताह में ‘नो रूम’ की स्थिति है। मतलब कंफर्म टिकट तो छोडि़ए, वेटिंग का टिकट भी नहीं मिल रहा है हालांकि दिल्ली जैसे कुछ रेल मार्ग हैं, जहां ट्रेनों की संख्या सर्वाधिक है। ऐसे रेलमार्ग पर भोपाल एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में कंफर्म टिकट मिल रहे हैं। बता दें कि पिछले साल मार्च में लॉकडाउन के कारण ट्रेनों को बंद कर दिया था। उसके बाद 1 जून 2020 से गिनी-चुनी ट्रेनें चलाई जा रही थीं। अब तकरीबन 70 फीसद ट्रेनें पुन: पटरी पर दौड़ने लगी हैं।
खत्म हो रहा कोरोना का डर
कोरोना वैक्सीन आने के बाद संक्रमण को लेकर लोगों में डर खत्म हो रहा है। लोग जरूरी यात्रा प्लान करने लगे हैं। ट्रेनों में पर्यटन केंद्रों के लिए की जाने वाली बुकिंग का दबाव भी बढ़ गया है। इस वजह से ट्रेनों में टिकट की मांग बढ़ी है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विजय प्रकाश के मुताबिक यात्री किराया से होने वाले राजस्व में बढ़ोतरी होने लगी है। पिछले एक महीने में 20 फीसद राजस्व की आवक में बढ़ोतरी हुई है। जून 2020 से लेकर दिसंबर 2020 तक स्थिति खराब थी। यात्री किराये से नाममात्र की आवक हो रही थी। विजय प्रकाश का कहना है कि उस समय मंडल ने माल परिवहन पर फोकस किया किया था। इसमें मंडल के रेल अधिकारी और कर्मचारियों ने विशेष ध्यान दिया। कोरोना संक्रमण काल में भी व्यापारी, उद्योगपति और किसानों से संपर्क किया। उनको माल प्रोत्साहन योजना की जानकारी दी। तब जाकर हम लॉकडाउन के बाद से अब तक माल की ढुलाई में बीते महीने और सालों की तुलना में सर्वाधिक राजस्व अर्जित करने का रिकॉर्ड बना पाए हैं। अब यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ने से पूर्व की तरह राजस्व आवक होने की उम्मीद बढ़ गई है।