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MP: महाकाल मंदिर के पुजारी-पुरोहितों और प्रतिनिधियों की नियुक्ति पर सवाल, सारिका गुरु ने दी वैधानिकता को चेतावनी

  1. महाकाल मंदिर के पुजारी-पुरोहितों और प्रतिनिधियों की नियुक्ति पर सवाल
  2. समाजसेवी सारिका गुरु ने नियुक्ति को अवैध बताकर आरोप लगाए
  3. पुजारी पुरोहितों ने वैधता के प्रमाण दिए

Madhya pradesh ujjain mahakaleshwar question on appointment of priests and representatives of mahakal temple sarika guru warns about legality: digi desk/BHN /उज्जैन/ ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में पुजारी पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों की नियुक्ति का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाजसेवी सारिका गुरु इनकी नियुक्ति को अवैध बता रही है। वहीं पुजारी -पुरोहितों ने अपनी नियुक्ति को वैध करार देते हुए कलेक्टर के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। मंदिर प्रबंध मंदिर मामले की जांच कर रही है।

ज्योतिर्लिंग क्षरण मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाली सारिका गुरु ने महाकाल मंदिर में पुजारी पुरोहित तथा उनके प्रतिनिधियों की नियुक्ति को अवैध बताया है। यह पहला मौका नहीं है जब सारिका गुरु इनकी नियुक्तियों पर सवाल उठा रही है, इससे पहले भी कई बार सारिका गुरु इस तरह के आरोप लगा चुकी हैं। लेकिन इस बार यह मामला चर्चा में इसलिए है कि मंदिर के पुजारी- पुरोहितों ने सारिका द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर दिया है।

सारिका गुरु पर कार्रवाई की मांग

पुजारी पुरोहितों का कहना है कि महाकालेश्वर मंदिर एक्ट में ऐसे प्रावधान हैं, जिनके माध्यम से मंदिर समिति समय-समय पर पुजारी पुरोहित तथा उनके प्रतिनिधियों की नियुक्ति करती आई है। सारिका गुरु के आरोप में बेबुनियाद तथा मंदिर की छवि को धूमिल करने वाले हैं। पुजारी पुरोहितों ने सारिका गुरु पर कार्रवाई करने की मांग भी कलेक्टर से की है l इसके जवाब में सारिका गुरु ने एक बार फिर पुजारी पुरोहितों तथा उनके प्रतिनिधियों की नियुक्ति को अवैध बताया है। उन्होंने मंदिर समिति पर मंदिर एक्ट का पालन नहीं करने का आरोप भी लगाया है।

सारिका का कहना है कि मंदिर एक्ट में कहीं भी पुजारी पुरोहितों को भेंट पेटी में से 35 फीसद राशि देने का प्रावधान नहीं है। नहीं अभिषेक पूजन की रसीद में से इनको 75 फीसद हिस्सा दिया जाना चाहिए। दोनों पक्षों के आवेदन व आरोप-प्रत्यारोप की जांच करने के लिए मंदिर समिति कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है की क्या वास्तव में पुजारी-पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों की नियुक्तियां गलत तरीके से हुई हैं।

इन बिंदुओं पर अवैध नियुक्तियों का आरोप

सारिका गुरु का कहना है कि महाकाल मंदिर में नियुक्ति के लिए नियम बनाए हैं। नियमानुसार पहले पद रिक्त होना चाहिए। पद रिक्त होते हैं तो अखबारों में विज्ञप्ति जारी की जाती है। पुजारियों से आवेदन लिए जाते हैं। संस्कृत महाविद्यालय से परीक्षा होती है। पटवारी, देवस्थान, पुलिस थाने से भी रिपोर्ट प्राप्त की जाती है। योग्यता की जांच होती है। महाकाल मंदिर में जिनकी भी नियुक्ति है, उनके पास नियुक्ति से संबंधित किसी भी प्रकार के कोई दस्तावेज नहीं हैं। सारिका गुरु ने बताया कि भेंट पेटी से 35 प्रतिशत और पूजन पाठ से 75 प्रतिशत की हिस्सेदारी का मंदिर एक्ट में कोई प्रावधान नहीं हैं।

1982 से एक्ट लागू

महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम-1982 में लागू हुआ था। इसके तहत मंदिर में सभी प्रबंध राज्य सरकार की देखरेख में शासन द्वारा ही नियुक्त प्रशासक करता है।

एक्ट की बारीकियां देख रहे प्रशासक

प्रशासक मृणाल मीना का कहना है कि एक्ट की बारीकियों को देखा जा रहा है। नियुक्ति संबंधी सारे नियम और दस्तावेजों की जांच की जाएगी।

महाकाल मंदिर में 16 पुजारी तथा 21 पुरोहित

महाकाल मंदिर समिति द्वारा समय-समय पर उनके प्रतिनिधि नियुक्त किए गए हैं। पुजारी व पुरोहित के तीन-तीन प्रतिनिधि भी मंदिर में सेवा पूजा कर रहे हैं। सारिका गुरु इन सभी की नियुक्ति को अवैध बता रहीं है। बताया जाता है कि सारिका गुरु स्वयं भी महाकाल मंदिर में पुजारी बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने आवेदन भी दे रखा है।

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