Online Betting:digi desk/BHN/ इंटरनेट पर ऑनलाइन चल रहे सट्टे-जुए के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि उसके पास ऑनलाइन चल रहे सट्टे-जुए को रोकने के लिए क्या इंतजाम हैं। सरकार को चार सप्ताह में जवाब देना है। मामले में अब फरवरी के दूसरे सप्ताह में फिर सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट में यह जनहित याचिकाकर्ता अभिजीत मालवीय ने एडवोकेट अभिषेक मालवीय और अनुपम सिद्धार्थ के माध्यम से दायर की है। याचिका में कहा है कि मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट के जरिए कंपनियां जुआ खिला रही हैं। इसका दुष्प्रभाव समाज के सभी वर्ग और उम्र के लोगों पर पड़ रहा है। ऑनलाइन जुआ-सट्टा खिलाकर कंपनियां युवाओं और बच्चों में लत लगा रही है। इससे देश का भविष्य बर्बाद हो रहा है लेकिन सरकार इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही। कंपनियां विज्ञापन के जरिए लोगों को बता रही हैं कि कैसे लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन जुआ खेलकर उन्होंने पैसे बनाए हैं। लुभावने विज्ञापन दिखाकर लोगों को जुए की लत लगाई जा रही है। तेलंगाना जैसे कई प्रदेश ऑनलाइन जुए-सट्टे पर रोक लगा चुके हैं लेकिन हमारे प्रदेश में इस संबंध में कुछ नहीं हो रहा। मंगलवार को जस्टिस सुजॉय पॉल और शैलेंद्र शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष याचिका की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि यह वास्तव में गंभीर मुद्दा है। सरकार को चार सप्ताह में बताना होगा कि उसके पास इस तरह के ऑनलाइन सट्टा-जुए को रोकने का कोई इंतजाम है या नहीं?