- मप्र में माननीयों के सम्मान में लापरवाही पर मुख्यमंत्री गंभीर, अधिकारियों को हिदायत
- जनप्रतिनिधियों के सम्मान में लापरवाही के सामने आते रहे हैं मामले
- सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी कर दिए शिष्टाचार के निर्देश
Madhya pradesh bhopal mohan yadav serious on negligence in honoring honorees in mp cm instructions to officials: digi desk/BHN/भोपाल/मध्य प्रदेश में माननीयों के सम्मान में लापरवाही बरती जाती है। उनके साथ शिष्टाचार का पालन नहीं किए जाने की बार-बार राज्य सरकार को शिकायत मिलती है। इसको लेकर गंभीर हुए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने सारे अधिकारियों को सांसद और विधायकों के साथ शिष्टाचार का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी है।
अधिकारियों को पत्र जारी
सीएम के निर्देश पर शासन स्तर से प्रदेश के सारे अधिकारियों से कहा है कि जनप्रतिनिधियों के सम्मान में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग के प्रमुखों, संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के सीईओ को पत्र जारी किया है।
यह भी कहा है कि सांसदों एवं विधायकों के पत्रों का उत्तर अवश्य और समय पर दिया जाए और उनको शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित भी किया जाए। पत्र में कहा गया है कि समय-समय पर सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं कि सांसदों एवं विधायकों के साथ शिष्टाचार का पालन नहीं किया जाता है, जिससे जनप्रतिनिधियों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में असुविधाएं होती हैं तथा राज्य शासन की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
वहीं विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति की बैठकों के दौरान विधायकों की शिकायतों के निराकरण होने में विलंब होने और विभाग द्वारा जारी निर्देश के पालन का उल्लंघन होने का उल्लेख करते हुए समय-समय पर अप्रसन्नता व्यक्त की जाती है, इसलिए निर्देशित किया जाता है कि राज्य शासन द्वारा जारी शिष्टाचार के पालन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
शिष्टाचार का पालन कराने को 19 बार जारी किए जा चुके हैं निर्देश
वैसे यह पहली बार नहीं है, जब अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ शिष्टाचार का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले भी कई बार शासन स्तर से ऐसे निर्देश जारी किए जाते रहे हैं, फिर भी जनप्रतिनिधियों के सम्मान में लापरवाही के मामले सामने आते रहे हैं। अब चूंकि प्रदेश में मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार बनी है इसलिए फिर से निर्देश जारी किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश संसदीय कार्य विभाग ने इस बारे में सबसे पहले 23 जनवरी 2002 को सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को शिष्टाचार के पालन के संबंध में पत्र लिखा था और इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने 10 अगस्त 2004 से चार अप्रैल 2022 तक कुल 19 बार इस शिष्टाचार का पालन करने के निर्देश जारी किए थे और अब पुनः 20 वीं बार ये निर्देश जारी किए गए हैं।