सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले किसानों एवं पशुपालकों को पशुपालन विभाग में पंजीयन करवाना आवश्यक है। जिससे इसे व्यवस्थित एवं विकसित किया जा सके एवं आवश्यकता होने पर जानकारी के आधार पर तकनिकी सहायता दी जा सके। इस कारण से किसी भी गतिविधि को नियंत्रित करना तथा लाभान्वित करना संभव हो सकेगा। विभाग द्वारा पोल्ट्री उद्योग को सुरक्षा प्रदान करने तथा विभिन्न गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए वर्तमान में स्थापित तथा नवीन कुक्कुट प्रक्षेत्र हेचरी का पंजीयन प्रारंभ किया गया है, जिससे कुक्कुट प्रक्षेत्र हेचरी की संख्या का सही आंकलन हो सके। भविष्य में लाभकारी नीतियों का निर्धारण अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
पंजीयन के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा साथ ही निर्धारित पंजीयन शुल्क भी जमा करना होगा। निर्धारित प्रारूप के आवेदन क्षेत्रीय पशु चिकित्सालयों में उपलब्ध है। 500 से 1000 तक किसी की प्रकार के पक्षियों की क्षमता वाले फार्म को 100 रु., 1000 से 5000 के पक्षियों की क्षमता वाले फार्म को 200 रु., 5000 से 10000 तक के पक्षियों की क्षमता वाले फार्म को 500 रु एवं 10000 से अधिक किसी भी प्रकार के पक्षियों की क्षमता वाले फार्म को 1000 रु पंजीयन शुल्क देना होगा। प्रारंभ में 5 वर्षों के लिए पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा बाद में हर तीन वर्ष में नवीनीकरण कराना होगा। पंजीयन ना होने के कारण पोल्ट्री उद्योग संचालकों को असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।