गया
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में बौद्धों के शीर्ष धर्मगुरु दलाईलामा के चल रहे तीन दिवसीय टीचिंग का आज समापन हो गया। विभिन्न देशों के बौद्ध धर्मगुरु और श्रद्धालु कालचक्र मैदान में पहुंचे, जहां धर्मगुरू दलाईलामा ने धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
अंतिम दिन दलाईलामा ने तिब्बती भाषा में शुरू किया प्रवचन
कार्यक्रम के अंतिम दिन उन्होंने तिब्बती भाषा में प्रवचन शुरू किया। इसे लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। दलाईलामा के प्रवचन को विश्व के कई भाषाओं में अनुवाद द्वारा रेडियो के माध्यम से प्रसारित किया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया सहित कई देशों के लगभग 60 हजार श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने परम पावन दलाई लामा के प्रवचन को शांतिपूर्वक सुना।
बोधिसत्त्व की प्राप्ति के लिए मानसिक एकाग्रता जरूरी: दलाईलामा
इस दौरान धर्मगुरु दलाईलामा ने लोगों से कहा कि आपको खुद को पहचानने की जरूरत है। भगवान बुद्ध के संदेशों को आत्मसात करना चाहिए, तभी विश्व में शांति आएगी। बोधिसत्त्व की प्राप्ति के लिए मानसिक एकाग्रता जरूरी है। आपसी भाईचारा और मैत्री से ही मानवता का कल्याण होगा। कभी भी ईष्या का भाव नही रखे। आधुनिकता के इस दौर में खुद को पहचानते हुए मानसिक रूप से एकाग्र रखने की जरूरत है, तभी शांति आएगी।