भास्कर हिंदी न्यूज़/ रेल ट्रैक की दो खराब पटरियों को काटकर दोबारा कैसे जोड़ा जाता है। इसकी वेल्डिंग कैसे होती है और उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण कैसे काम करते हैं यह सवाल जबलपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक संजय विश्वास द्वारा एक ट्रैक मैन से कार्य के दौरान पूछे गए। दरअसल डीआरएम द्वारा सतना-मानिकपुर रेल खंड का निरीक्षण किया गया। सुबह जबलपुर से निकलकर वे विशेष सैलून यान से सतना होते हुए सीधे मानिकपुर पहुंचे और रेल ट्रैक का निरीक्षण किया इसके बाद वे वापसी में सतना रेलवे स्टेशन उतरे और दोपहर को सतना स्टेशन का प्लेटफार्म सहित रेल ट्रैक, टावर वैगन शेड और यार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान मौके पर ट्रैक सुधार का कार्य कर रहे ट्रैक मैनों से भी उन्होंने सीधी बात की और उनके काम की जानकारी ली। इस दौरान ट्रैक मेंटेनर द्वारा डीआरएम के सभी सवालों का जवाब दिए जाने पर खुश होकर उन्होंने चतुर्थ श्रेणी के ट्रैक मेंटेनर को पांच हजार रुपये के नकद इनाम की घोषणा की।
टावर वैगन शेड के गेट पर दिखी खामी
सतना स्टेशन के आउटर पर स्थित टावर वैगन को खड़े करने वाले शेड का जब डीआरएम संजय विश्वास ने बारीकी से निरीक्षण किया तो उन्हें शेड के बाहर लोहे से बना भारी भरकम गेट पर खामी दिखी। दरअसल जो गेट लगाया गया था वह खुलने के बाद भी संकरा था जिससे टावर वैगन के निकलने में परेशानी होती। उन्होंने इस खामी को देखकर रेलवे के इंजीनियरों को लताड़ लगाई और गेट हटाकर शटर द्वार लगाने कह दिया। इस दौरान अधिकारी गेट का सुधार कराने कहते रहे लेकिन उन्होंने तोड़-फोड़ ना कर शटर लगाने कह दिया।
ट्रैक में खड़े होकर देखा वेल्डिंग कार्यः रेल ट्रैक के मेंटेनेंस के दौरान डीआरएम ने सतना स्टेशन पर कटनी आउटर के पास चल रहे ट्रैक मेंटनेंस के कार्य को बारीकी से देखा। यहां पर ट्रैक मैन विष्णु प्रसाद कोरी द्वारा उन्हें दो पटरियों को जोड़कर वेल्डिंग कर दिखाया और इसकी पूरी जानकारी दी। कैसे लोहे के ट्रैक को पिघलाकर जोड़ा जाता है। मशीनें कैसे चलाई जाती हैं और उन्हें बिजली कहां से मिलती है इसकी विस्तृत जानकारी दी। इस कार्य और ट्रैक मैन विष्णु प्रसाद कोरी के कार्य की सराहना करते हुए उन्होंने पांच हजार रुपये नकद पुरस्कार देने घोषणा कर दी।
ये भी रहे मौजूदः डीआरएम के स्टेशन और यार्ड के निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय रेल प्रबंधक जितेंदर सिंह सोहेल, स्टेशन मैनेजर एसके मिश्रा, आरपीएफ पोस्ट प्रभारी मानसिंह सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। मानिकपुर से वापसी के दौरान डीआरएम ने सतना में ही भोजन किया और फिर निरीक्षण पश्चात जबलपुर के लिए रवाना हो गए।