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सांसद जसकौर मीणा बोलीं- महिलाओं को सदन में बोलने का समय सुनिश्चित किया जाए, मैं अपनी बात पूरी नहीं कह पाई

दौसा.

दौसा सांसद जसकौर मीणा ने लोकसभा में महिलाओं से संबंधित भारतीय न्याय संहिता बिल -2023 पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- महिलाओं को सुनना बहुत जरूरी है। उन्हें समानता का दर्जा भी दिया जाना चाहिए। सासंद मीणा ने कहा- समानता का अधिकार हमें संसद में भी नहीं मिल रहा। हम सदन में पूरे समय रहते हैं, लेकिन हमें उचित समय नहीं दिया जाता है।

महिलाओं को सदन में बोलने के लिए ये सुनिश्चित किया जाए कि 2 या चार सांसदों के बाद उन्हें बोलने का मौका मिलेगा। मैं 3 दिन से सदन में बोलने की तैयारी कर रही थी लेकिन, उसके बाद भी पूरी बात नहीं कह पाई। सांसद मीणा ने कहा- अन्याय सह कर बैठ जाना ये सबसे बड़ा दुष्कर्म है। न्यायार्थ अपने बंधुओं को भी दंड देना धर्म है। सांसद ने कहा- नाबालिग से रेप के आरोपी के लिए भी सजा के प्रावधान को और कठोर किया जाना चाहिए। यौन उत्पीड़न और महिला का पीछा करने के मामले में सजा बहुत न्यून रखी है। सांसद ने कहा- जनजाति बाहुल्य इलाकों में उनका ही कानून लागू होता है, वहां न्याय संहिता के साथ सामाजिक कानून भी लागू होते हैं। लेकिन जो महिला सरकारी सेवा में है तो उसे ही कानून सुरक्षा देगा अन्यथा वह पढ़ी लिखी नहीं है तो उस महिला की कानून सुरक्षा नहीं करेगा। ऐसे जनजाति समाज की महिलाओं के लिए भी कानून में आवश्यक बदलाव किए जाने चाहिए।

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