सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ भारत सरकार द्वारा देश भर में चलाई जा रही विकसित भारत संकल्प यात्रा सतना एवं मैहर जिले में 16 दिसंबर से प्रारंभ होकर अनवरत चल रही है। यह यात्रा 26 जनवरी तक 40 दिवस तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में क्षेत्र में जारी रहेगी। संयुक्त सचिव प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग भारत सरकार एवं सतना, मैहर, पन्ना जिले के प्रभारी अधिकारी विकसित भारत संकल्प यात्रा श्री एनबीएस राजपूत ने गुरुवार को अब तक संचालित यात्रा की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की। सतना स्थित एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष में प्रभारी कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, आयुक्त नगर निगम अभिषेक गहलोत, अपर कलेक्टर ऋषि पवार, उप संचालक कृषि मनोज कश्यप, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी परमीत कौर, इंजीनियर मनोहर कुमार सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
प्रभारी कलेक्टर डॉ परीक्षित झाड़े ने सतना और मैहर जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अब तक आयोजित की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा की जानकारी में बताया कि सतना जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में 58 और मैहर जिले में 35 मिलाकर कुल 93 इवेंट संपन्न हो गए हैं। इनमें नगर निगम सतना द्वारा सभी 11 कार्यक्रम कंप्लीट कर लिए हैं। सतना जिले में इन कार्यक्रमों में 31 हजार 394 लोगों और मैहर जिले में 14 हजार 226 लोगों ने सहभागिता दिखाई है। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान ग्रामीण और शहरी नागरिकों में उत्साहपूर्वक स्वागत और सहभागिता की जा रही है। कार्यक्रमों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर सतना में 2500 और मैहर में 2600 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है। सतना में 20 हजार और मैहर में 9 हजार लोगों ने विकसित भारत का संकल्प लिया है। इस मौके पर कृषि विभाग द्वारा गांव में किए गए ड्रोन फ्लाई का 444 किसानों ने प्रत्यक्ष अवलोकन किया है।
नगर निगम में 7729 लोगों ने लिया संकल्प
आयुक्त नगर निगम अभिषेक गहलोत ने बताया कि नगर निगम सतना के विभिन्न 11 वार्डों में 11 सम्मिलित कार्यक्रम पूरे कर लिए गए हैं। इन कार्यक्रमों में 7729 लोगों ने विकसित भारत का संकल्प लिया है। लगभग 14 हजार 824 नगरवासियों ने इन कार्यक्रमों में सहभागिता दी है। जिनमें 9385 पुरुष, 5439 महिलाएं शामिल हैं। आधार शिविरों में 331, स्वास्थ्य शिविरों में 4996, पीएम उज्जवला में 232, आयुष्मान कार्ड शिविर में 1368, पीएम स्वनधि में 444 लोगों ने रुचि दिखाकर लाभ लेने की मंशा जाहिर की है। कार्यक्रम में 67 हितग्राहियों ने मेरी कहानी-मेरी जुबानी के तहत योजना के लाभ के अनुभव साझा किए हैं।
जिले के बोर्ड परीक्षा परिणाम को प्रदेश में उत्कृष्ट श्रेणी में लाने के सभी प्रयास हों – कलेक्टर
कलेक्टर ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्यों व अन्य अधिकारियों की बैठक में दिये निर्देश
कलेक्टर मैहर श्रीमती रानी बाटड ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्यों, बीईओ, बीआरसी एवं सीएसी की बैठक में सख्त लहजे में निर्देश दिये कि जिले का बोर्ड परीक्षा का परिणाम प्रदेश में अनुपातिक तौर पर उत्कृष्ट श्रेणी में हो इसके लिये पूरी तन्मयता व गंभीरता से प्रयास किये जायें। विद्यालयों में नियमित कक्षाएं लगें, जरूरत होने पर शिक्षक अतिरिक्त कक्षाएं लें तथा रेमेडियल कक्षाओं के द्वारा भी बच्चों का शैक्षणिक स्तर सुधारे। उन्होंने आगाह किया कि अपेक्षित परिणाम नहीं आने पर संबंधित प्राचार्य के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित उपस्थित रहे।
मैहर के शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय में आयोजित बैठक में कक्षा 10वीं व कक्षा 12वीं में गत परीक्षा में कम प्रतिशत परिणाम वाले विद्यालयों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सभी प्राचार्य इसे अपनी जिम्मेदारी मानें तथा परीक्षा परिणाम सुधार के लिये शैक्षणिक स्तर में सुधार के सभी उपाय करें। जिला शिक्षा अधिकारी व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी विद्यालयों का नियमित भ्रमण करें तथा यह देखें कि जिन विद्यालयों में शिक्षक कम हो तथा जिन विद्यालयों का परिणाम अपेक्षाकृत ठीक नहीं हो वहां अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था कर अतिरिक्त कक्षाएं भी संचालित करें। उन्होंने इस दौरान कहा कि हर बच्चे की मैपिंग करें तथा उनके अभिभावकों को भी नियमित तौर पर बच्चों के स्कूल भेजने के लिये प्रेरित करें। कलेक्टर ने कहा कि बोर्ड कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी की वन-टू-वन जानकारी रखें तथा कमजोर विषय के लिये बच्चों को अतिरिक्त प्रयास कर शैक्षणिक स्तर में सुधार करायें। उन्होने कहा कि किसी भी हायर सेकण्डरी और हाई स्कूल का परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिये। कक्षा 10 में फेल बच्चे स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं, तो उनकी यथास्थिति की भी जानकारी लें।
कलेक्टर ने ड्रॉप आउट विद्यार्थियों की जानकारी दो दिवस में देने तथा उनके लिये किये जाने वाले शिक्षा स्तर में सुधार के प्रयासों की भी जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिये। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों व प्राचार्यों को स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया कि आगामी दो माहों में विद्यालयों में सिर्फ शैक्षणिक कार्य हो तथा अन्य गतिविधियों के लिये संलग्न शिक्षकों से शैक्षणिक कार्य ही कराया जाये।