जयपुर.
आयोग सचिव ने बताया कि उक्त परीक्षा के तहत संस्कृत विषय की परीक्षा का आयोजन 26 दिसंबर 2022 को एवं सामान्य ज्ञान एवं शैक्षणिक मनोविज्ञान की परीक्षा का आयोजन 29 जनवरी 2023 को किया गया था। परीक्षा के फलस्वरूप जारी विचारित सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों की पात्रता जांच का आयोजन 10 अगस्त से 23 अगस्त 2023 तक किया गया था।
इसके अंतिम परिणाम में 1783 अभ्यर्थियों को मुख्य सूची में सफल घोषित किया गया था। इन सफल अभ्यर्थियों में से 19 अभ्यर्थियों की अभिस्तावना संदेह के आधार पर रोकते हुए विस्तृत आवेदन-पत्र एवं दस्तावेजों की गहन जांच की गई। इसमें आरोपी अभ्यर्थी रामप्रसाद मीना द्वारा प्रस्तुत विस्तृत आवेदन-पत्र पर स्केन फोटो एवं चिपकाया गया फोटो तथा दोनों परीक्षा केंद्रों पर प्रस्तुत किए गए उपस्थिति पत्रकों पर मौजूद स्केन्ड फोटो में अंतर पाया गया।
5 लाख रुपए में सौदा
इसकी जांच आयोग में उपलब्ध अभ्यर्थी के ऑनलाइन रिकार्ड से करने पर स्पष्ट हुआ कि अभ्यर्थी के स्थान पर अन्य व्यक्ति द्वारा प्रवेश-पत्रों की स्कैंड फोटो को रूपांतरित कर परीक्षा दी गई है। इस पर आयोग द्वारा आरोपी अभ्यर्थी को पत्र प्रेषित कर व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित होने हेतु सूचित किया गया। सुनवाई दौरान हुई पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि आरोपी अभ्यर्थी रामप्रसाद मीणा ने बाड़मेर निवासी व्यक्ति से 5 लाख रुपए में सौदा कर उसे स्वयं के स्थान पर परीक्षा में सम्मिलित कराया था।
14 दिसंबर को मामला दर्ज
प्रकरण में अनुसंधान एवं कानूनी कार्रवाई के लिए आयोग के अनुभाग अधिकारी नमन शर्मा द्वारा पुलिस थाना सिविल लाइन, अजमेर में आरोपी अभ्यर्थी एवं प्रवेश-पत्रों में हेरफेर कर अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा में सम्मिलित होने वाले व्यक्ति के विरूद्ध 14 दिसंबर 2023 को मामला दर्ज करवाया गया है।