Thursday , November 14 2024
Breaking News

सफल विवाह के लिये गुण-मिलान ही काफी नहीं, इन ग्रह-नक्षत्रों की दशा भी देखना जरूरी

Astrology:digi desk/BHN/ हमारे देश में 80 प्रतिशत शादियां सिर्फ गुण-मिलान के आधार पर कर दी जाती हैं। प्राय: सभी मंदिरों में पूजारी के पास पंचांग होता है और सभी पंचांगों में गुण-मिलान की सारणी होती है। वो मात्र सारणी देखकर जो कि एक आम आदमी भी देख सकता है। पुजारी जी कह देते हैं कि लड़के-लड़की के 28 गुण मिल रहे हैं कोई दोष नहीं हैं आप विवाह कर सकते हैं और मात्र इतने से गुण मिलान मानकर किसी के भाग्य का निर्णय हो जाता है और विवाह हो जाता है। कहने का तात्पर्य यह कतई नहीं हैं कि गुण-मिलान को आवश्यक नहीं या गुण-मिलान का कोई औचित्य नहीं है, बल्कि कहना है कि एक सफल विवाह के लिये गुण मिलना भी अत्यन्त आवश्यक हैं किन्तु इसके साथ यह भी कहना है कि सिर्फ गुण-मिलान ही काफी नहीं है बल्कि पूर्ण कुंडली मिलान उससे भी ज्यादा आवश्यक है। प्राय: एक दिन या चौबीस घंटों में एक ही नक्षत्र होता है। मात्र एक यो दो घंटे ही चौबीस घंटों में दूसरा नक्षत्र होता है और गुण-मिलान सिर्फ किस नक्षत्र के किस चरण में जातक का जन्म हुआ है, उसके आधार पर होता है। किन्तु उन चौबीस घंटों में बारह लग्नों की बारह कुंडलियां बनती है। कहने का तात्पर्य यह कि उन चौबीस घंटों में जन्मे सभी जातकों की जन्म नक्षत्र और जन्म राशि तो समान होंगी किन्तु उन सभी की कुंडलियां अलग-अलग होगी किसी के लिये गुरु, सूर्य, चंद्रमा, मंगल कारक ग्रह होगें तो किसी के लिये शुक्र, शनि या बुध कोई मांगलिक होगा। किसी की कुंडली में राजयोग तो किसी की कुंडली में दरिद्र योग होगा।

कोई अल्पायु होगा, कोई मध्यायु होगा, तो कोई दीर्घायु तो किसी कुंडली में उसका वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा होगा तो किसी की कुंडली में बहुत खराब होगा। किसी के द्वि-विवाह, त्रि-विवाह योग होता है तो कोई अविवाहित रहता है। कहने का तात्पर्य यह है कि उन चौबीस घंटों में जन्मे सभी जातकों को जन्म नक्षत्र तो एक ही होगा किन्तु सभी की कुंडलियां और उनका भाग्य अलग-अलग होगा। यहां पुन: ध्यान देने योग्य यह बात है कि गुण-मिलान सिर्फ जन्म नक्षत्रों के आधार पर ही होता है ऐसे में यदि किन्ही दो लड़के-लड़की के गुण मिलायेंगे और उनके गुण मिल भी गये किन्तु उनकी कुंडलियों में कोई दोष है तो वह विवाह कतई सफल नहीं हो सकता।

ऐसी कई कुंडलियां होती हैं जिनके गुण तो 28-28, 30-30 मिल जाते हैं किन्तु उनका वैवाहिक जीवन अतियन्त कष्टप्रद है। उनके तलाक के मुकदमे चल रहे हैं या तलाक हो चुके हैं या उनका जीवन ही खत्म हो चुका है और सैकड़ों ऐसी कुंडलियां देखी गयी हैं। जिसके मात्र 8-8, 10-10 गुण ही मिलते हैं किन्तु फिर भी उनका पारिवारिक वैवाहिक जीवन सुखद उन्नतिपूर्ण चल रहा है। पाठकों से सिर्फ यह निवेदन है कि मात्र गुण मिलान पर ही पूर्ण भरोसा नहीं करें किसी योग्य ज्योतिषी से बालक-बालिका की कुंडलियां मिलवाकर ही उसके विवाह का निर्णय लें क्योंकि गुण-मिलान से ज्यादा आवश्यक है कुंडलियों का मिलना और दोनों की कुंडलियों में उनके वैवाहिक जीवन की स्थिति।

विवाह मानव जीवन का एक पड़ाव है जिसके बाद इंसान अपनी पूर्व की जीवन शैली को छोड़कर एक नये जीवन के सफर पर चलता है। हर स्त्री पुरुष विवाह के समय अपना जीवन एक अन्जान व्यक्ति के साथ सिर्फ यह सोचकर जोड़ता है कि मेरा हम सफर जीवन में सदैव मेरा साथ निभायेगा। मेरे हर सुख-दुख को अपना सुख-दुख समझेगा और जिन्दगी में आने वाली सभी कठिनाइयों का मिलकर मुकाबला करेगा।

 

About rishi pandit

Check Also

ऐसे बनाएं ब्रांड इमेज…

मैं कौन हूं। यह आत्ममंथन का मूल सवाल है। मूल रूप से यह पहचान से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *