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MP: साफ्टवेयर इंजीनियर स्वाति लिंग परिवर्तन कराकर अब बन गया शिवाय..!

  1. स्वाति को स्कूल से लेकर कालेज तक की पढ़ाई के दौरान लड़की होने में शर्म महसूस होती थी
  2. आखिर परिवार की सहमति मिलने के बाद उसने लिंग परिवर्तन कराने का निर्णय ले लिया
  3. वर्ष 2020 से आपरेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई और जनवरी 2023 तक वह पूरी हो गई

Madhya pradesh betul madhya pradesh betul software engineer swati changed her gender to become shivay viral news: digi desk/BHN/बैतूल/ बैतूल के संजय कालोनी में रहने वाली स्वाति लिंग परिवर्तन कराकर अब शिवाय बन गया है। बचपन से ही लड़कों जैसा मन रखने वाली स्वाति को स्कूल से लेकर कालेज तक की पढ़ाई के दौरान लड़की होने में शर्म महसूस होती थी। आखिर परिवार की सहमति मिलने के बाद उसने लिंग परिवर्तन कराने का निर्णय ले लिया । वर्ष 2020 से आपरेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई और जनवरी 2023 तक वह पूरी हो गई।

इसके बाद सभी दस्तावेजों में स्वाति का नाम शिवाय और महिला के स्थान पर पुरूष दर्ज हो गया है। अपने लिंग परिवर्तन से बेहद खुश शिवाय अब विवाह करना चाहता है। शिवाय ने बताया कि 1988 में जन्म के बाद मैने जब से होश संभाला तब से ही मेरे मन की भावनाएं लड़कों के जैसी ही रहीं।

बैतूल के गंज स्थित कन्या स्कूल में कक्षा पहली से 12 वीं तक की पढ़ाई के दौरान भी लड़कियों के साथ बैठने में स्वयं को बेहद असहज महसूस करता था। किसी प्रकार की शारीरिक कमी न होने के बाद भी हमेशा यही मन करता था कि मैं लड़का ही हूं।

शिवाय ने बताया कि कक्षा 11 वीं में पहुंचने के बाद सलवार सूट पहनकर जाने की बाध्यता के कारण कई दिन स्कूल नहीं जाता था। शनिवार को यूनिफॉर्म की अनिवार्यता नहीं होती थी इस कारण लड़कों के कपड़े पहनकर ही जाता था। इंटरनेट मीडिया पर जब कई लोगों के द्वारा लिंग परिवर्तन कराए जाने के वीडियो देखे तो मन में आया कि मैं भी लड़का बन सकता हूं।

भोपाल में रहकर बीसीए और मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद इंदौर में विभिन्न कंपनियों में साफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में आन लाइन कार्य कर आपरेशन के लिए पैसे जमा किए। परिवार को अपनी मंशा बताई और उसके बाद दिल्ली जाकर विभिन्न अस्पतालों में आपरेशन करने की जानकारी ली। दिल्ली के आलमेक हास्पिटल का चयन किया गया और वहां पर वर्ष 2020 में आपरेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।

डा नरेंद्र कौशिक ने हार्माेंस में बदलाव से सर्जरी की शुरूआत की जिससे आवाज में बदलाव के साथ दाढ़ी, मूंछ आने लगी। दूसरी सर्जरी में ब्रेस्ट रिमूव किए गए और तीसरी बार में शरीर के निचले अंगों का आपरेशन किया गया। हर आपरेशन के बाद तीन माह का आराम करना पड़ता था।

तीनों सर्जरी में न तो कोई दर्द का अहसास हुआ और न ही कोई परेशानी का सामना करना पड़ा। शिवाय ने बताया कि जनवरी माह में ही चौथा आपरेशन त्वचा का कराया गया जिसमें त्वचा के ढीलेपन को दूर किया गया है। आराम करने के बाद अब वह कुछ दिन से अपना काम करने लगा है।

इस पूरी प्रक्रिया में करीब 10 लाख रुपये का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना में भी इस आपरेशन के लिए पांच लाख रुपये तक की मदद मिल जाती है लेकिन मुझे इसके संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई थी। शिवाय सूर्यवंशी ने बताया कि परिवार में अब वे तीन बहन और दो भाई हो गए हैं।

दस्तावेजाें में कराया बदलाव

शिवाय के स्कूल, बैंक, आधार कार्ड से लेकर अन्य दस्तावेज पहले स्वाति नाम से थे। सर्जरी के बाद उनके सभी दस्तावेजों में नाम और लिंग बदल गया है। सर्जरी करने के बाद जिला कलेक्टर को इस संबंध में आवेदन देकर सूचना दी थी। कलेक्टर ने एक पत्र जारी किया था जिसके आधार पर दस्तावेजों में नाम और लिंग बदल गया है।

लोगों को कर रहे जागरूक

शिवाय ने बताया कि वे अब इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लिंग परिवर्तन कराने की इच्छा रखने वालों को जागरूक करने का अभियान चला रहे हैं। कुछ लोग शारीरिक कमी होने के कारण इसे छिपाकर रखते हैं और घुटन महसूस करते हैं। ऐसे लोगों की मुश्किल सरकार के द्वारा बनाए गए प्रविधान और स्वास्थ्य की सुविधा से अब आसान हो सकती है।

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