- अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर, शुक्रवार को शाम 07:20 बजे शुरू होगी
- इस दिन घर आए जरूरतमंद को कुछ न कुछ दान करें
- इस दिन अपने बाल, नाखून आदि न काटें
Spiritual vrat tyohar sarva pitru amavasya 2023 on this day is sarva pitru amavasya do not do these things at on this day ancestors may get angry: digi desk/BHN/इंदौर/अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि को अमावस्या कहा जाता है। आश्विन मास की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अमावस्या तिथि पर उन दिवंगत परिजनों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि या चतुर्दशी तिथि को हुई हो या जिनकी मृत्यु की तिथि हम भूल गए हों। सर्वपितृ अमावस्या के दिन कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, वरना आपके कुछ कार्यों से पितर नाराज भी हो सकते हैं। आइए, जानते हैं कि वे कार्य कौन-से हैं।
सर्वपितृ अमावस्या तिथि
आश्विन मास की अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर, शुक्रवार को शाम 07:20 बजे शुरू होगी। यह 14 अक्टूबर को रात 8:54 बजे समाप्त होगी। इस तरह सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध 14 अक्टूबर को किया जाएगा।
करें ये कार्य
सर्वपितृ अमावस्या के दिन कोई भी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति आपके घर आता है तो उसे भूलकर भी खाली हाथ न भेजें। ऐसे में पितर नाराज हो सकते हैं। पितरों की नाराजगी से बचने के लिए घर आए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ दान करें।
न करें ये काम
सर्वपितृ अमावस्या के दिन सभी से अच्छा व्यवहार करें, किसी का अपमान न करें। किसी को अपशब्द न कहें, अन्यथा पितर इससे नाराज हो सकते हैं। सर्वपितृ अमावस्या के दिन तामसिक भोजन और शराब आदि का बिल्कुल सेवन न करें।
इन बातों का रखें ध्यान
सर्वपितृ अमावस्या के दिन गाय, कुत्ता, कौआ या चींटी जैसे जीवों को नुकसान न पहुंचाएं। इसके अलावा इस दिन अपने बाल, नाखून आदि न काटें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके पितृ नाराज हो सकते हैं।