- बैंकों के फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट की रहेगी नजर
- केंद्रीय चुनाव आयोग के व्यय प्रेक्षकों का दौरा अगले हफ्ते
- बैंकों की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट निर्वाचन कार्यालय को देगी रिपोर्ट
Chhattisgarh raipur election commission to keep a close eye on black money suspicious transactions in the account to be investigated: digi desk/BHN/रायपुर/ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संदिग्ध बैंकों खाते में बड़ी राशि के लेन-देन पर बैंकों की नजर रहेगी। केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के बाद बैंकों की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारी आयोग और निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों को रिपोर्ट देंगे। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नवंबर महीने में होगा। ऐसे में बैंकों को अभी से अलर्ट कर दिया गया है।
इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग के आला अधिकारियों के साथ आरबीआइ, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी ) और प्रमुख बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठकें हो चुकी है। काले धन को खपाने या संदिग्ध लेन-देन पर संबंधित फर्म या व्यक्तियों को नोटिस दी जाएगी। लेन-देन के गंभीर मामलों की जांच पुलिस को सौंपी जाएगी।
सीधे बैंक खातों में लेन-देन के साथ ही आनलाइन ट्रांजिक्शन पर भी बैंकों की नजर रहेगी। निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक चुनाव में लुभावने वादों के साथ लोगों को धन बल से आकर्षित करने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में चुनाव आयोग हर दृष्टि से निगरानी की कोशिश कर रहा है।
तीन महीने में 1.08 लाख नए खाते
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के मुताबिक छत्तीसगढ़ में मार्च-2023 के मुकाबले जून-2023 तक 1.08 लाख नए खाते खुले हैैं। मार्च-2023 में प्रदेश में डेबिट कार्ड की संख्या 1 करोड़ 80 लाख 40 हजार 383 थी, जो कि जून तक 1 करोड़ 81 लाख 48 हजार 878 हो चुकी है। राज्य की आबादी 3 करोड़ के करीब हैं।
बैंकिंग अधिकारियों के मुताबिक एक ही व्यक्ति के पास एक से अधिक बैंक खातों की वजह से एक से अधिक डेबिट कार्ड हो सकते हैं। श्रमिकों से लेकर ज्यादातर सरकारी कार्यों की राशि खाते में आ रही है। इसलिए भी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। यह सच है कि तीन महीने में 1 लाख से अधिक डेबिट कार्ड खाता धारकों को दिए गए हैं।
आचार संहिता पहले हफ्ते में संभावित
राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते में ही आचार संहिता की संभावना जताई जा रही है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संभवत: पांच से सात अक्टूबर के बीच आचार संहिता लागू हो सकती है। इसके मद्देनजर चुनाव आयोग ने व्यय प्रेक्षकों की नियुक्ति की तैयारी कर ली है। केंद्रीय चुनाव आयोग से गठित प्रेक्षकों की टीम अगले हफ्ते प्रदेश में निर्वाचन अधिकारियों की बैठक में नए नियमों को लेकर दिशा-निर्देश देंगे। उल्लेखनीय है कि अब विधानसभा चुनाव में खर्च की सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये किया गया है।
कई बड़े विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास
जानकारी के मुताबिक आचार संहिता लगने के पहले एक हफ्ते में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया जा सकता है। राज्य सरकार ने विभागों को निर्देशित किया है कि वे सभी लंबित प्रोजेक्ट को पूरा करें साथ ही विकास कार्यों की निविदा में भी तत्परता बरतें। मालूम हो कि सितंबर महीने में ही राज्य सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपये से कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया है।