- – गिरने से घायल आरोपित का आपरेशन हुआ, ठीक होने के बाद होगी पेशी
- – पीड़िता की हालत में सुधार, अभी भोजन में दिया जा रहा है तरल पदार्थ
- – सीसीटीवी के ओरिजनल हार्डडिस्क भी जब्त किए जाएंगे
Madhya pradesh ujjain rape case case will proceed in fast track court lawyers will not represent accused remand for 7 days: digi desk/BHN/उज्जैन/ किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) वैज्ञानिक साक्ष्य जैसे डीएनए व रक्त के नमूने की रिपोर्ट जुटाने में लगा है। सीसीटीवी के ओरिजनल हार्डडिस्क भी जब्त किए जाएंगे। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। इस बीच उज्जैन बार एसोसिएशन ने आरोपित की पैरवी नहीं करने का निर्णय किया है। आरोपी को सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। भागने के दौरान गिरने से घायल आरोपित के पैर का शुक्रवार को जिला अस्पताल में आपरेशन हुआ।
उल्लेखनीय है कि सतना के जैतवारा क्षेत्र की रहने वाली किशोरी सोमवार तड़के तीन बजे ट्रेन से अकेले उज्जैन पहुंची थी। यहां उसे अकेला पाकर आटो चालक भरत सोनी (38) निवासी नानाखेड़ा झुग्गी-बस्ती ने उसके साथ दुष्कर्म किया और सुनसान जगह पर छोड़ दिया।
बाद में किशोरी लहू से सने कपड़ों में करीब आठ किमी तक पैदल घूमती रही। सोमवार सुबह 10.15 बजे महाकाल पुलिस को इसकी सूचना मिली। पुलिस ने उसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया, फिर उसे हालत गंभीर होने पर इंदौर के एमवाय अस्पताल भेजा।
इस बीच एक हजार से अधिक सीसीटीवी फुटेज और कई लोगों से लगातार पूछताछ के बाद आरोपित भरत सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया। घटनास्थल पर ले जाते वक्त आरोपित ने भागने की कोशिश की थी, मगर गड्ढे में गिरकर घायल हो गया। उसके पैर में गंभीर चोट लगी।
विशेषज्ञ की सहायता लेगी पुलिस
पुलिस के अनुसार दुष्कर्म का शिकार हुई नाबालिग मानसिक रूप से कमजोर है। इसलिए उसके बयान के लिए विशेषज्ञ की सहायता ली जाएगी। यही बयान कोर्ट में पेश किए जाएंगे। अभियोजन के दौरान वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ताओं की सलाह ली जाएगी। वरिष्ठ अभिभाषक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्ची मानसिक रूप से कमजोर और नाबालिग बताई गई है, इसलिए वैज्ञानिक और लिंक साक्ष्य महत्वपूर्ण रहेंगे। अभियोजन को चांस आफ टेंपरिंग जैसे बिंदुओं का भी ध्यान रखना होगा।
इन धाराओं में मामला दर्ज
बता दें कि आरोपित भरत सोनी के खिलाफ आइपीसी की धारा 376, 376 (3) और 3/4/2 पाक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें फांसी की सजा भी हो सकती है। एक अन्य आटो चालक राकेश मालवीय पर घटना की जानकारी होने पर भी पुलिस को सूचना नहीं देने को लेकर साक्ष्य छुपाने का प्रकरण दर्ज किया गया है।