health alert, joint pain:/BHN/इंदौर। आपने अक्सर अपने परिवार में दोस्तों को या लोगों को यह कहते सुना होगा कि कड़ाके की सर्दी में जोड़ों का दर्द या हड्डी की चोट का पुराना दर्द उभर आता है। इन चोटों के नए व पुराने मरीजों को आपने इस तरह के दर्द की शिकायत करते हुए भी सुना होगा। हालांकि कुछ लोग डॉक्टरी परामर्श लिए बिना केवल लापरवाही के चलते इसे नजर अंदाज कर जाते हैं और उनकी तकलीफ बढ़ जाती है। आइये आपको बताते हैं कि इसका तकनीकी पक्ष क्या है और ऐसा क्यों होता है। साथ ही ऐसे में मरीज को किन बातों का ध्यान रखना चाहिये। सबसे पहले तो यह जान लेना जरूरी है कि शीतलहर में किन चोटों का दर्द उभरकर सामने आता है। हड्डी से जुड़़ी सारी चोटों का दर्द ठंड में नहीं उभरता है। केवल गठिया के रोगियों को ठंड में परेशानी होती है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, उनका दर्द भी बढ़ता है। इसका मुख्य कारण यह है कि उम्र के हिसाब से उनके जोड़ कठोर हो जाते हैं और इसके चलते पीड़ा होती है। सामान्य तौर पर जवानों को इससे फर्क नहीं पड़ता है। जवान से आशय 40 साल तक की उम्र के लोग इससे अप्रभावित रहते हैं। हां, लेकिन यदि आपको पहले से गठिया रोग है तो आपको किसी भी उम्र में तकलीफ हो सकती है।
जिन लोगों को फ्रैक्चर हुआ है, उन्हें भी ठंड में दिनों में परेशानी होती है। लेकिन इसमें यह बात उल्लेखनीय है कि ऐसा सबके साथ नहीं होता। यदि ठंड के सीजन के पहले आपको फ्रैक्चर हुआ है तो उसके बाद आने वाली पहली ठंड में आपको शरीर के उस संबंधित भाग पर दर्द होगा। इसका कारण यह होता है कि पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन एक समान रहता है लेकिन फ्रैक्चर वाले भाग में यह असंतुलित हो जाता है। यहां नई हड्डी एवं पुरानी हड्डी का अंतर हो जाता है। चूंकि इस समय नई हड्डी बन रही होती है और इस दौरान वह हड्डी कच्ची रहती है इसलिए उस पर खून का प्रवाह ठीक से बैठ नहीं पाता है। इसके चलते आपको दर्द हो सकता है। लेकिन यह पहली ठंड में ही होगा। अगले साल तक हड्डी पक्की हो जाएगी तो दर्द नहीं होगा। दूसरे मामलों में उन लोगों को सर्दी में दर्द होता है जिनके हाथ या पैर या अन्य स्थान पर राड डली होगी। उन लोगों को हर साल ठंड में परेशानी होती है।
इन उपायों से पाएं राहत
ठंड में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ आसान उपायों को आजमाया जा सकता है। आप व्यायाम करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं। सूर्य नमस्कार भी इसके लिए एक बेहतर विकल्प है। यदि संभव हो तो साइकिलिंग जरूर करें। असल में, व्यायाम करने से शरीर में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है और खून में गर्मी बढ़ जाती है। बस, आपको इस बात का ध्यान रखना है कि कसरत के दौरान चोट वाले स्थान पर असर ना पड़े। उस अंग को बचाते हुए आप शेष शरीर से कसरत कर सकते हैं। जोड़ों के दर्द और हड्डी के रोगियों के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे खून के प्रवाह एवं गर्मी का ध्यान रखें। इससे उन्हें दर्द में आराम मिलेगा। इसके अलावा, लहसुन के सेवन से जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिलता है। विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि प्याज और लहसुन में कई ऐसे तत्वों का समावेश होता है जो जोड़ों के दर्द में लाभकारी होते हैं। इनके नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द की शिकायत होने का खतरा बहुत हद तक काफी कम हो जाता है।