Madhya pradesh indore mgm medical college indore first heart arterial bypass sugery successfull done in indores mgm hospital: digi desk/BHN/इंदौर/ एमजीएम मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में हृदय का पहला टोटल आर्टरियल बायपास आपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। यह मप्र के शासकीय अस्पताल में होने वाला पहला आपरेशन है। इंदौर निवासी 56 वर्षीय मरीज की एंजियोग्राफी करने पर ह्रदय की तीनों नसों में ब्लाकेज था। हाल ही में यह आपरेशन किया गया, अब मरीज स्वस्थ हैं। इस आपरेशन को करने में करीब साढ़े चार घंटे का समय लगा।
आपरेशन कार्डियक सर्जन डा. पीयूष गुप्ता, डा. सुमित सिंह, डा. अंकुर गोयल आदि ने किया। इस उपलब्धि पर डीन डा. संजय दीक्षित, नोडल अधिकारी डा. एडी भटनागर एवं अधीक्षक डा. सुमित शुक्ला ने टीम को बधाई दी। डा. गुप्ता ने बताया कि शरीर में दो प्रकार की खून की नसें होती हैं। धमनी (आर्टरी) एवं शिरा (वेन)। सामान्यतः बायपास आपरेशन में ज्यादातर पैर की नसों का उपयोग किया जाता हैं, जबकि टीएआर बायपास आपरेशन में आर्टरी नसों का उपयोग करते हैं, जिन्हें मरीज के हृदय के पास छाती से या हाथों से लिया जाता हैं।
यह आपरेशन सभी उम्र के मरीजों के लिए लाभदायक
टीएआर (टोटल आर्टेरियल रेवास्कुलराइजेशन) बायपास आपरेशन से यह फायदा है कि पैरों की नसों का उपयोग करने पर ये समय के साथ ब्लाक होने लगती हैं। पांच से सात वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत नसें ब्लाक हो जाती हैं, जबकि टीएआर में प्रयुक्त आर्टरी नसों का सक्सेस रेट 20 वर्षों के बाद भी 90-95% होता हैं। यह आपरेशन सभी उम्र के मरीजों के लिए लाभदायक हैं, लेकिन 40 से 65 वर्ष के हृदय रोगियों के लिए यह विशेषतः वरदान हैं, क्योंकि 20 वर्षों का सक्सेस रेट भी 90-95 प्रतिशत रहता हैं।
निजी अस्पताल में आता है ढाई से साढ़े तीन लाख का खर्च
इंदौर के चुनिंदा निजी अस्पतालों में ही इस आपरेशन की सुविधा है। निजी अस्पताल में इसका 2.5 से 3.5 लाख रुपये खर्च आता है। वहीं सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में टीएआर बायपास का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा हैं। बायपास आपरेशन आयुष्मान हितग्राहियों के लिए निशुल्क हैं और अन्य रोगियों के लिए शासन द्वारा निर्धारित नाममात्र के शुल्क पर किया जा रहा हैं।